
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 2006 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में 19 साल बाद फैसला सुनाते हुए सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ मामला साबित करने में पूरी तरह विफल रहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपियों को प्रताड़ित कर उनसे बयान दर्ज करवाए गए।
साल 2006 में मुंबई लोकल ट्रेनों में 11 मिनट के अंदर सात धमाके हुए थे। इन धमाकों में 189 लोगों की मौत हो गई थी और 827 लोग घायल हुए थे। एटीएस ने इस केस में कुल 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया था और 15 आरोपी फरार बताए गए थे। इनमें से कुछ के पाकिस्तान में होने की आशंका जताई गई। साल 2015 में निचली अदालत ने इस ब्लास्ट के मामले में 12 लोगों को दोषी ठहराया, जिसमें 5 को फांसी और 7 को उम्रकैद की सजा दी गई थी। आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील की और अब सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है। ऐसे में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का फैसला किया है।
महाराष्ट्र एटीएस के लिए बड़ा झटका
महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने इस मामले की जांच की थी। एजेंसी ने दावा किया था कि आरोपी प्रतिबंधित संगठन ‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ (सिमी) के सदस्य थे और उन्होंने आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के पाकिस्तानी सदस्यों के साथ मिलकर यह साजिश रची थी। हालांकि, अदालत ने कहा कि जांच एजेंसी बमों के प्रकार की पहचान करने में भी विफल रही।