स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में उत्तर प्रदेश को ऐतिहासिक उपलब्धि

लखनऊ को देश में तीसरा स्थान, प्रयागराज को महाकुंभ के लिए विशेष सम्मान

नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन के प्रति जताया आभार

यह सफलता सरकार,स्थानीय निकायों के नेतृत्व, सफाई कर्मियों, स्वयं सेवकों और नागरिकों की सामूहिक भागीदारी से हुआ संभव: मंत्री श्री ए. के.शर्मा

मानवीय पुरुषार्थ, मशीन के सदुपयोग और आधुनिक तकनीक से हम बना रहे वैश्विक नगर: मंत्री श्री ए. के.शर्मा

प्रयागराज। केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के परिणामों में उत्तर प्रदेश को बड़ी उपलब्धि प्राप्त हुई है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ को देशभर में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। यह पहले बार है की यूपी के किसी नगर को देश में स्वच्छता में इतना ऊँचा स्थान मिला है।
साथ ही प्रयागराज को महाकुंभ 2025 के दौरान स्वच्छता प्रबंधन के लिए विशेष श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
प्रयागराज को यह पुरस्कार दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन — महाकुंभ 2025 — में अनुमानित 66 करोड़ श्रद्धालुओं की उपस्थिति के बावजूद शहर और मेला क्षेत्र में सतत, समावेशी और स्वच्छ व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु दिया गया है।
प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने इस सम्मान को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सशक्त आशीर्वाद, मार्गदर्शन और विजनरी नेतृत्व का प्रतिफल बताया।
शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए ‘स्वच्छता ही सेवा’ मंत्र और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश में शहरी विकास और सफाई व्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। सुबह पाँच बजे से सफ़ाई कर्मी अपने कार्य में लग जाते हैं। साथ ही डेडिकेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर से उसकी तकनीक आधारित मॉनिटरिंग भी होती है।
महाकुंभ जैसे विराट आयोजन में स्वच्छता के क्षेत्र में यह राष्ट्रीय सम्मान न केवल प्रदेश के लिए गौरव की बात है, बल्कि भारत के स्वच्छता अभियान की वैश्विक मान्यता का प्रतीक है।”

🔹 100 प्रतिशत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सुनिश्चित किया गया, जिससे महाकुंभ नगर को कचरा मुक्त और प्लास्टिक मुक्त घोषित किया गया।
🔹 तकनीकी नवाचारों के माध्यम से स्वच्छता कार्यों की निगरानी — जैसे रिवर स्क्रीमर, तैरते अवरोध, आदि के माध्यम से गंगा नदी की सफाई।
🔹 पीपीपी मॉडल पर आधारित जैव सीएनजी संयंत्रों की स्थापना कर जैविक कचरे से स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन।
🔹 15,000 स्वयंसेवकों द्वारा सामूहिक घाट सफाई अभियान, जिससे बना गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड।
🔹 30,000 मियावाकी वृक्षों का रोपण, जिससे हरित और सतत महाकुंभ की अवधारणा को बल मिला।
🔹शहर में विभिन्न स्थानों पर स्वच्छता संदेश वाले भित्ति चित्र और कला प्रदर्शनियों द्वारा जन जागरूकता
🔹स्वच्छता अभियानों में नागरिकों की भागीदारी बढ़ाई गई।स्वच्छता ही सेवा अभियान और स्वच्छ सर्वेक्षण जागरूकता रैलियों का आयोजन
🔹सार्वजनिक स्थानों के सौंदर्यीकरण और स्वच्छता पर विशेष बल
🔹एकल उपयोग वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लागू कर स्थाई विकल्प विकसित किए गए
महाकुंभ नगर में स्वच्छता के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने के लिए मंत्री ए. के. शर्मा स्वयं मेला क्षेत्र में कैंप करते रहे और लगातार निरीक्षण कर स्वच्छता कार्यों की निगरानी की उन्होंने विभिन्न सेक्टरों में पैदल भ्रमण कर व्यवस्थाओं का आकलन किया और समुचित दिशा निर्देश दिए, उनकी रणनीतिक दक्षता और सक्रिय सहभागिता के परिणाम स्वरुप मेले में स्वच्छता का ऐसा मॉडल प्रस्तुत हुआ जिसकी विदेशी पर्यटकों, यात्रा लेखकों तथा श्रद्धालुओं ने मुक्त कंठ से सराहना की।
नगर विकास मंत्री शर्मा ने कहा कि यह सफलता सरकार, स्थानीय निकायों, सफाईकर्मियों, स्वयंसेवकों और नागरिकों की सामूहिक भागीदारी से संभव हुई है। उन्होंने स्वच्छता अभियान से जुड़े हर कर्मवीर को बधाई देते हुए यह विश्वास जताया कि उत्तर प्रदेश आने वाले वर्षों में स्वच्छता के हर क्षेत्र में अग्रणी रहेगा।
राम आसरे

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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