
फर्रुखाबाद कलेक्ट्रेट में यह महिला आत्मदाह करने पहुंची थी, जहां मौजूद पत्रकार ने महिला को बचा लिया.
लेकिन सवाल यह है कि आखिर लोगों को न्याय क्यों नहीं मिल पा रहा है, उनकी समय रहते सुनवाई क्यों नहीं हो रही है, जिस वजह से लोग थक हारकर जान देने को मजबूर हो रहे हैं.