आगरा,प्रेरक है शिक्षा एवं क्रांति के लिए अक्षर पुरुष का अग्निपथ, जयंती के शताब्दी समारोह में भदावर कॉलेज के आंगन में संस्थापक प्राचार्य बीएल तिवारी की वर्षी शिक्षा साधना की स्मृतियां, पुस्तक का हुआ विमोचन, शिक्षा, साहित्य, खेल और न्याय से जुड़ी हस्तियों का हुआ सम्मान।
बाह। भदावर पीजी कॉलेज के संस्थापक प्राचार्य बीएल तिवारी की जयंती के शताब्दी समारोह में मंगलवार को उनकी शिक्षा एवं क्रांति से जुड़ी हुई यादें ताजा हो गई। वक्ताओं ने अपने अनुभव साझा कर कहा कि भदावर क्षेत्र में शिक्षा एवं क्रांति के लिए चंबल के बीहड़ के अग्निपथ पर चले अक्षर पुरुष बीएल तिवारी का संपूर्ण जीवन एक प्रेरक दस्तावेज है। उन्होंने भदावर के आंगन में शिक्षा की ज्योति जलाई। ब्रिटिश हुकूमत का दमन चक्र झेला, जेल गये, झुके नहीं, डरे न रुके। समारोह में उनके जीवन के अनछुए पहलुओं को समेटे अक्षर पुरुष पुस्तक का विमोचन किया गया। मुख्यवक्ता रुहेल खंड एवं कुमायूं विश्व विद्यालय के पूर्व उप कुलपत एवं मुख्यवक्ता डॉ. केएस राना ने बीएल तिवारी के व्यक्तित्व का बखान करते हुए कहा कि उनके कालखंड में अंग्रेजों के नाम पर छात्रावास थे। जिन्हें उन्होंने बदल कर रानी लक्ष्मीबाई, महाराणा प्रताप, यशोदा आदि महापुरुषों के नाम दिया। शिक्षा समाज को आगे ले जाती है। बीएल तिवारी ने भदावर कॉलेज के जरिए यही प्रेरक मिसाल छोड़ी है। उनकी प्रेरणा से भदावर ने हर क्षेत्र शक्ति में अपनी छाप छोड़ी है। जिस पर हमें गर्व है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश विनोद मिश्रा भदावर कॉलेज में अपने पढ़ाई के दिनों की बीएल तिवारी से जुड़ी हुई स्मृतियों को साझा कर भावुक हो गये। बोले जिसका कोई नहीं था, उसके लिए तिवारी जी समर्पित थे। गरीब तबके के लोगों को पढ़ाई से लेकर रोजगार तक में मदद से पीछे नहीं हटे। शिक्षाविद डॉ. मदनगोपाल सिंह भदौरिया ने कहा कि बीएल तिवारी बाह की थाती है, आने वाली पीढियोंं के लिए उनका व्यक्तित्व प्रेरणा का पुंज है। अभाव में शिक्षा का उजियारा करने के उनके अद्वितीय योगदान भुलाया नहीं जा सकता। 7 भाषाओं पर नियंत्रण उनके व्यक्तित्व को रेखांकित करने के लिए काफी है। प्रबंधक डॉ. गीता यादव ने बीएल तिवारी के शिक्षा में योगदान को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास का भरोसा देते हुए जयंती और पुण्यतिथि को व्यापक रूप में मनाए जाने का संकल्प लिया। अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. महेन्द्र कुमार ने एवं संचालन बीएल तिवारी के बेटे शंकर देव तिवारी ने किया। इससे पहले मंगलवार की सुबह हवन यज्ञ हुआ। हवन यज्ञ के बाद बीएल तिवारी की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया गया। बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के बाद विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।


इनका हुआ सम्मान- डॉ. केएस राना, वीके मिश्रा, गजेन्द्र सिंह भदौरिया, अजय भदौरिया, डॉ. गीता यादव, डॉ. महेन्द्र कुमार, डॉ. शिवशंकर कटारे, अशोक तिवारी, नरेश सक्सेना, श्यामसुंदर पाराशर, भदावर कॉलेज के सेवा निवृत्त शिक्षक, कर्मचारी, बीएल तिवारी शताब्दी समारोह के निबंध और चित्रकला प्रतियोगिता के विजेता छात्र-छात्राएं, सांस्कृतिक प्रस्तुति देने वाली छात्राएं आदि।
ये रहे मौजूद- रामसेवक शर्मा, राजबहादुर शर्मा, सतीश पचौरी, आशुतोष नेहरू, शरद शर्मा, हृदय नरायन शर्मा, कृपा नरायन शर्मा, मानवेन्द्र सिंह राठौड, मुकेश शर्मा, श्याम शर्मा, विनोद सिंह प्रधान, वीके शर्मा, अभिलाश शर्मा, डॉ. अनिल गौतम, मुन्नालाल पचौरी, श्याम विधौलिया, सुरेश पचौरी, ब्रह्मदत्त शर्मा, अहिवरन सिंह परिहार, विजतेन्द्र गुप्ता, मुरलीधर शर्मा, नरेन्द्र ताना जी, शिवशंकर बोहरे, विशाल चतुर्वेदी, लक्ष्मी नरायन गुप्ता, अजय कसेरे, रामशंकर गुप्ता, विनोद सांवरिया आदि।