ट्रांसफर होने के बाद भी उसी थाने में में जमे हुए है सिपाही
सूत्रों की बात को सच माने तो

कानपुर।काकादेव थाने में कुछ सिपाही ऐसे है जिनका ट्रांसफर 2019 में हो गया था मगर मलाई खाने की चक्कर में अभी भी उसी थाने पर रुके हुए हैं। ऐसे ही तीन सिपाही की चर्चा इलाके में जोरों पर है। हर कोई इसके आतंक से पीड़ित है। लोगों का कहना है कि जब इसका ट्रांसफर किया जा चुका है फिर भी वह किस तरह से काकादेव थाने में जमा हुआ है।
इस विषय में थानाध्यक्ष काकादेव ही बता सकते हैं कि अब तक इन सिपाहियों की रवानगी क्यूं नही की गई,
सूत्रों से प्राप्त जानकारी को सच माने तो
जब कि उन्हीं के साथ ट्रांसफर हुये बाकी सभी सिपाही रवाना हो चुके हैं। अब वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा ट्रांसफर किये जाने के बाद भी अब तक यह सिपाही 2019 से उसी थाने पर कैसे टिके हुये हैं और ऐसा क्या है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का आदेश भी इनके लिये कोई मायने नहीं रखता है और ट्रांसफर के बाद भी कब तक ये थाने पर टिके रहेंगे।
आपको बता दें कि इससे पहले भी इस तरह के ऐसे घटनाएं सामने आती रही हैं,
जिनमें अधिकारी या पुलिसकर्मी ट्रांसफर होने के बाद भी नहीं जाते और वहीं थाने में डटे रहते हैं हालांकि बाद में किसी तरह उस पुलिसकर्मी को समझा-बुझाकर ट्रांसफर वाली जगह पर भेजा जाता। अब सवाल यह उठता है कि आखिर वे किस की शह पर ऐसी हिमाकत करते हैं। क्या इसमें कोई वरिष्ट अधिकारी शामिल होता है या कोई खादीवाला, ये तो वो ही बता सकता है। लेकिन कानून के अधिकारियों द्वारा ही कानून की धज्जियां उड़ाना काफी शर्मनाक है।