शासन को दिया तीन दिन का समय, अन्यथा आंदोलन

खेल का मैदान और छात्रवास पर हो रहा मेट्रो भवन निर्माण रोकने की मांग की शिक्षकों ने
पत्र भेज शासन को दिया तीन दिन का समय, अन्यथा आंदोलन

आगरा। आगरा कालेज प्रबन्ध तंत्र को बिना बताए उसके खेल मैदान और एक छात्रा वास पर मेट्रो का ही रहा निर्माण आगरा कलेज के शिक्षीकों के द्वारा शासन प्रशासन को पत्र लिख तीन दिन का समय दिया है अन्यथा आन्दोलन करने की चेतावनी दी है।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लखनऊ द्वारा मेट्रो रेल निर्माण के कम में आगरा कॉलेज, आगरा के स्वामित्व की एम०जी० रोड स्थित कीडांगन परिसर एवं भगत सिंह छात्रावास परिसर की भूमि का अधिग्रहण किया गया है। मैं प्राचार्य एवं सचिव आगरा कॉलेज, आगरा इस भूमि अधिग्रहण के सम्बंध में अवैधता, अनियमितता, प्रक्रिया का पालन न करने आदि के सम्बंध में अपनी निम्नलिखित आपत्तियों आपके माध्यम से मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के अधिकारियों एवं सक्षम पदाधिकारियों के समक्ष दर्ज कराना चाहता हूँ। आगरा कॉलेज, आगरा के प्राचार्य एवं आगरा कॉलेज प्रबंध समिति एवं आगरा कॉलेज ट्रस्ट के पदेन सचिव होने के नाते यह मेरा परम कर्तव्य हो जाता है कि मैं इस दो सौ वर्ष प्राचीन संस्थान, जिसका निर्माण अनेकों सहयोग कर्ताओं एवं दानदाताओं की पवित्र भावना से दी गयी भूमि पर शैक्षणिक उद्‌देश्यों की पूर्ति के लिये हुआ इसकी एक एक इन्च भूमि को जो इस संस्था की धरोहर है इसका विधिक संरक्षण करें। आपके समक्ष इस बलात अधिग्रहण के सम्बंध में निम्नलिखित तथ्य एवं आपत्तियाँ प्रस्तुत करता हूँ।
मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा जिस भूमि पर वर्तमान में निर्माण कराया जा रहा है उसके द्वारा प्रेषित किसी भी पत्र अथवा दस्तावेज में मेट्रो परियोजना अधिकारियों ने कभी भी वास्तविक खसरा नम्बर एवं रकबा का उल्लेख नहीं किया है। मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा अवैध रूप से अधिगृहित दो स्थानों पर/दो खसरा संख्या पर निर्माण की बलात कोशिश की जा रही है जिसकी संख्या उनके अभिलेखों में खसरा संख्या 255 का आंशिक भाग एवं 286 (क) दिखाया गया है। परन्तु दस्तावेजों के विधिक परीक्षण एवं वर्तमान गूगल लोकेशन के अनुसार यह खसरा संख्या आगरा कॉलेज, आगरा के स्वामित्व की भूमि है जिसका वास्तविक खसरा संख्या है 255 जिसका कुल रकबा 70278 वर्ग गज है। मेट्रो अधिकारियों द्वारा आगरा कॉलेज के कीडांगन की भूमि को जो कि दो सौ वर्षों से (1823) आगरा कॉलेज के पूर्ण स्वामित्व एवं दाखिल कब्जे में हॉकी मैदान के रूप में दर्ज है को आगरा कॉलेज के स्वामित्व की भूमि न बताकर इसका बलात अधिग्रहण किया है। यह पूर्णतः अनुचित एवं अवैध है क्योंकि (1) वर्ष 1901 में आगरा कॉलेज के बोर्ड ऑफ ट्रस्ट का गठन कर आगरा कॉलेज, आगरा की समस्त सम्पत्ति (भवन, जमीन, कॉलेज, आवास, कीडांगन, छात्रावास आदि) सम्बंधित ट्रस्ट को सरकार द्वारा प्रदान कर दिया गया जिससे कि उक्त तिथि के पश्चात् आगरा कॉलेज, आगरा की अभिरक्षा में समस्त चल अचल सम्पत्तियों का स्वामित्व बोर्ड ऑफ ट्रस्ट आगरा कॉलेज, आगरा के पास आ गया था। (2) दिनांक 24 जुलाई, 1901 को तत्कालीन ‘सेक्रेटरी ऑफ स्टेट फॉर इण्डिया इन काउन्सिल एवं तत्कालीन कमिश्नर, आगरा डिवीजन एवं कलेक्टर आगरा एवं अन्य के मध्य एक इन्डेन्चर (अनुबंध विलेख) हस्ताक्षरित किया गया जिस पर लैण्ड एण्ड रेवेन्यू के रजिस्ट्रार ऑफिस में पंजीकृत कराया गया अंकित है। उक्त करार के पश्चात् भू-अभिलेख तथा खतौनी खसरा में आगरा कॉलेज, आगरा के नाम अंकित समस्त सम्पत्तियों का स्वामित्व आगरा कॉलेज, आगरा के ट्रस्ट में समायोजित हो गया। इस प्रकार समस्त सम्पत्तियों का स्वामित्व सरकार से हटकर ट्रस्ट में समायोजित हो गया। उक्त सभी सम्पत्तियों के गृहकर / सम्पत्ति कर, जलकर, जलमूल्य एवं सीवर कर का भुगतान आगरा कॉलेज द्वारा नगर निगम आगरा को लगातार किया जा रहा है।

. खसरा संख्या 286, जिसे मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा आगरा कॉलेज के स्वामित्व की भूमि न बताते हुये इसे बोर्डिंग हाउस करार करते हुये सरकारी सम्पत्ति दिखा कर अवैध अधिगृहित किया गया है- विधिक तौर पर यह आगरा कॉलेज की बोर्डिंग हाउस के रूप मे दर्ज है जिसका कुल रकबा 27 बीघा के लगभग है। वर्तमान में आगरा कॉलेज के स्वामित्व की भूमि- खसरा संख्या 281 (कुल रकबा 2 बीघा 12 विस्वा क्षेत्रफल आबादी बोर्डिंग हाउस) एवं 282 (कुल रकबा 4 बीघा 16 विस्वा क्षेत्रफल आबादी छात्रावास परिसर) पर मेट्रो द्वारा अवैध कब्जा कर, पुराने निर्माण को ध्वस्त करते हुये मेट्रो कॉरपोरेशन द्वारा तीन मंजिला भवन का निर्माण किया जा रहा है। मेट्रो रेल द्वारा प्रेषित किसी भी पत्र अथवा दस्तावेज में उक्त खसरों का कोई भी उल्लेख नही है न ही इस अधिग्रहण की किसी प्रकार की प्राधिकारिता मेट्रो रेल कॉरपोरेशन अथवा किसी अन्य पदाधिकारी के पास है। यह विशुद्ध रूप से एक अवैध एवं बलात अधिग्रहण एवं जबरन किया जा रहा निर्माण कार्य है जिससे संस्था की भूमि और अवस्थापनाओं की अपूरणीय क्षति हुयी है।

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड लखनऊ के प्रबंध निदेशक के पत्र पत्रांक UPMRC/PLANING/PARKING CUM PD/AGRA 3108 दिनांक 23.12.2022 द्वारा आगरा कॉलेज के स्वामित्य की भूमि (स्टाफ कॉलेज क्वाटर) तथा उसके पीछे की तरफ नाले के मध्य स्थित भूमि से 9000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का अधिग्रहण पार्किंग एवं प्रोर्पटी डयूलपमेण्टहेतु मात्र गूगल मैप की छायाप्रति लगाते हुये, बिना खसरा खाता का उल्लेख किये हुये कॉरपोरेशन को हस्तान्तरित करने का निवेदन किया गया है। आगरा कॉलेज, आगरा प्रबंध समिति द्वारा यह भूमि आगरा कॉलेज कर्मचारियों के आवासीय परिसर के रूप में प्रयोग में लाया जा रहा है तथा आगरा कॉलेज के स्वामित्व की रिक्त भूमि पर 05 मंजिला डॉ० के०सी० मैहता परीक्षा केन्द्र के निर्माण का प्रस्ताव आगरा कॉलेज प्रबंध समिति द्वारा स्वीकृत किया जा चुका है।

शासन द्वारा मेट्रो परियोजना के निर्माण हेतु बनायी गयी नियमावली के अर्न्तगत एवं निजी / संस्था के स्वामित्व की भूमि को हस्तान्तरित करने के पूर्व यह विधिक बाध्यता है कि स्वामित्व रखने वाली संस्था के ट्रस्ट एवं प्रबंध समिति द्वारा भूमि के हस्तान्तरण के आशय का औपचारिक प्रस्ताव शर्तों एवं विधिमान्य मुआवजा की दर एवं राशि का उल्लेख करते हुये पारित किया जाये। यह संज्ञान में लाया जाता है कि आगरा कॉलेज प्रबंध समिति की किसी भी बैठक में मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को आगरा कॉलेज के स्वामित्व की भूमि को स्थायी अथवा अस्थायी रूप से हस्तान्तरित करने सम्बंधित कोई निर्णय, सहमति अथवा किसी प्रस्ताव का अनुमोदन नहीं किया गया है। बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के द्वारा भी जो कि आगरा कॉलेज की समस्त अचल सम्पत्ति के स्वामित्व की एकमात्र प्राधिकारी संस्था है- के द्वारा कभी भी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को भूमि/उन पर स्थित अवस्थापनाओं को हस्तान्तरित करने अथवा भू-प्रयोग बदलने के सम्बंध में कोई प्रस्ताव न तो विचार में लाया गया है न ही पारित किया गया है।

तथ्यों को संज्ञान में लाते हुये यह आपत्ति दर्ज की जाती है कि मेट्रो परियोजना अधिकारियों द्वारा धोखाधडी से, बिना समुचित प्रक्रिया का पालन किये हुये, बिना विधिक हस्तान्तरण की स्वीकृति प्राप्त किये हुये एक पक्षीय निर्णय लेते हुये आगरा कॉलेज की बहुमूल्य भूमि एवं अवस्थापनाओं पर अवैध कब्जा करते हुये निर्माण कार्य कराया जा रहा है जिससे कि इस दो सौ वर्ष प्राचीन आगरा कॉलेज संस्था, इसके शैक्षणिक उद्‌देश्यों सामाजिक प्रतिष्ठा, छात्र हित की अनदेखी एवं आगरा कॉलेज, आगरा को भारी भौतिक एवं आर्थिक क्षति हुई है जो कि अपूरणीय है।

इस प्रेस वार्ता के माध्यम से आगरा कालेज के शिक्षकों ने मेट्रो रेल कॉरपोरेशन एवं सक्षम पदाधिकारियों के संज्ञान में इस अवैधानिक कृत्य को लाना चाहता है कि मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा कराये जा रहे इस अवैध निर्माण को अविलम्ब रोका जाये तथा इस सम्बंध में तीन कार्य दिवस के अन्दर आवश्यक कार्यवाही एवं जॉच सम्पन्न कराते हुये तत्काल आगरा कॉलेज प्रबंध समिति को इसकी सूचना प्रदान की जाये।

मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा यदि उक्त तथ्यों को संज्ञान में लेते हुये तत्काल आवश्यक कार्यवाही अमल में नही लायी जाती है तो आगरा कॉलेज प्रशासन अगली विधिक कार्यवाही हेतु बाध्य होगी। ध्यान रहे कि इस अवैध निर्माण से आगरा कॉलेज, आगरा के लाखों दान दाताओं, छात्रों/पूर्व छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं समस्त उत्तर भारत सहित आगरा मण्डल के नागरिक समाज में भारी रोष है तथा वे इस प्रकरण पर आन्दोलित एवं विचलित है। यदि इस प्रकरण को गम्भीरता से नही लिया जाता है तो यह कानून के शासन एवं शैक्षणिक संस्था के भविष्य के साथ अपूरणीय खिलवाड होगा।

प्रेस वार्ता में प्रमुख रूप से उपप्राचार्य प्रोफेसर पी बी झा प्रोफेसर भूपाल सिंह प्रोफेसर केपी तिवारी पंकज सक्सेना प्रोफेसर भूपेंद्र कुमार चिकारा डॉ शशिकांत पांडे डॉ गौरव कौशिक डॉ अविनाश जैन डॉ विकास सिंह डॉ धर्मवीर सिंह यादव डॉ रंजीत सिंह डॉ आशीष तेजस्वी आदि शिक्षकों उपस्थित थे।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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