
एटा,वर्तमान की नारीशक्ति को माता सीता से सीखना चाहिए कि संघर्ष और विपदा के समय में भी उन्होंने धैर्य और विश्वास नहीं छोड़ा
विश्व हिंदू परिषद मातृशक्ति, दुर्गा वाहिनी द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर रेलवे रोड पर श्रद्धा भाव से जगत जननी मां सीता का प्राकट्य दिवस सीता नवमी मनाई गई।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में शशिबाला प्रांत संयोजिका मातृशक्ति ब्रज प्रांत ने माता सीता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर अपने प्रबोधन में कहा वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को माता सीता का धरती पर प्राकट्य हुआ ,इसलिए हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में की नवमी तिथि को सीता नवमी मनाई जाती है ।भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता में आदर्श नारी की प्रतिमूर्ति ,त्याग, करुणा और संयम की अधिष्ठात्री देवी जनक नंदिनी माता सीता के प्राकट्य दिवस सीता नवमी हम सबके लिए एक प्रेरणा स्रोत है जनक प्रदेश की राजकुमारी और अयोध्या की रानी के जीवन के साथ जिस प्रकार से आजीवन संघर्ष किया वह सभी को जीवन में प्रेरणा देता है। गौरी दुबे प्रांत मंत्री अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कार्यक्रम में कहा आज की युवा बहनों को अपनी इच्छा शक्ति मजबूत करनी चाहिए।थोड़े से ही संघर्ष से अपने जीवन मूल्यों के साथ नहीं छोड़ना चाहिए वर्तमान में युवा बहनों को माता सीता से सीखना चाहिए कि संघर्ष और विपदा के समय मैं भी उन्होंने अपना धैर्य और विश्वास कभी नहीं खोया।
आयोजन की अध्यक्षता कर रही राजकुमारी सीमा वार्ष्णेय वरिष्ठ समाज सेविका ने अपने वक्तव्य में कहा आज के दिन माता सीता की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना के साथ प्रभु श्री राम की उपासना करने से जीवन में आ रही तमाम तरह की परेशानी से मुक्ति मिलती है। मां सीता ने अपने सतीत्व की रक्षा रावण जैसे राक्षस से अशोक वाटिका में की थी वह आज की युवतियों के लिए अनुकरणीय है। सुभ्रा सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में मंच पर रही। रत्नेश गुप्ता जिला संयोजिका मातृशक्ति ने कार्यक्रम का संचालन किया। उपासना सिंह प्रांत संयोजिका दुर्गा वाहिनी ममता सिंह जिला संयोजिका ,रीना वर्मा, सन्नो गुप्ता, कुसुम राठौर, रंजना यादव, पल्लवी गुप्ता, आरती, रंजना आदि अयोजन में उपस्थित रहीं।