
पत्रकारों पर बढ़ते हमलों और सरकार की उदासीनता के खिलाफ 20 मार्च से भारतीय मीडिया फाउंडेशन राज्य एवं केंद्र सरकार को सौंपेंगी अपनी 14 सूत्रीय ज्ञापन पत्र।
महाराष्ट्र में पत्रकार सुरक्षा कानून प्रस्तावित 2017, एवं छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा कानून प्रस्तावित 2023 को सख्ती से लागू नहीं किया गया तो जलाई जाएगी पत्रकार एवं सामाजिक सुरक्षा कानून की होली।
शहीद पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई के हत्या प्रकरण सहित पूर्व में पत्रकारों की हत्या प्रकरण में सीबीआई जांच करने की बिंदुसार ने की मांग।
रिपोर्ट – अनिल सोलंकी भारतीय मीडिया फाउंडेशन।
नई दिल्ली।
पूरे देश में पत्रकारों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं पर बढ़ते हमलों एवं पत्रकार तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं की हत्याएं , उनके ऊपर नाजायज तरीके से लगाए जा रहे हैं फर्जी मुकदमें एवं पुलिसिया उत्पीड़न के खिलाफ तथा पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को उनका संवैधानिक अधिकार दिलाने की मांगों को लेकर भारतीय मीडिया फाउंडेशन लगातार संघर्षरत हैं।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक एके बिंदुसार ने बताया कि देश के अब तक दो राज्यों में पत्रकार सुरक्षा कानून के तहत पत्रकार उत्पीड़न के मामले में कार्रवाई करने का ऐलान किया गया है महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ में लेकिन यह कानून सिर्फ कागजों पर सीमित है सत्ता में बैठे हुए रूलिंग पार्टी से जुड़े हुए लोग अपने भ्रष्टाचार के कार्यों को छिपाने के उद्देश्य से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे पत्रकारों को मारते पिटते हैं और उनकी हत्या कराते हैं या फर्जी मुकदमों में फंसाकर जेल भेजने का कार्य करते हैं जिसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न पर पत्रकार सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई नहीं होती है तो कानून की होली जलाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि पत्रकार सुरक्षा कानून प्रस्तावित 2017 एवं 2019 एवं 2023 की घोषणा होने के बाद से करीब दो सौ पत्रकारों पर हमले, दुर्व्यवहार या जान से मारने की धमकी दी गई है इसके अलावा देश में 10 से ऊपर पत्रकारों की हत्या भी की गई है और कई लोगों को फर्जी मुकदमों में फंसा कर जेल भी भेज दिया गया है।
श्री बिंदुसार ने कहा कि फिर इस तरह के कानून की आवश्यकता क्यों जो प्रभावी रूप से लागू न हो सके यही कारण की महाराष्ट्र सहित कई राज्यों के पत्रकार अब प्रस्तावित पत्रकार सुरक्षा कानून की होली भी जलाने का कार्य प्रारंभ कर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि अगर देश को सशक्त बनाना है भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है विश्व गुरु बनाना है तो पत्रकार और मीडिया कर्मियों की अभिव्यक्ति की आजादी और उनके सुरक्षा की गारंटी कानून सरकार की ओर से लागू होनी चाहिए।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक एके बिंदुसार ने साफ तौर पर कहा कि अगर पत्रकार सुरक्षा अधिनियम को ढंग से लागू नहीं किया गया तो भारतीय मीडिया फाउंडेशन 5 सालों से पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने सहित कई मांगों को अपने ज्ञापन पत्र के जरिए राज्यों एवं केंद्र सरकार से मांग करती रही है। अगर पत्रकार सुरक्षा कानून पर किसी भी प्रकार की हीला हवाली की गई तो पूरे देश में भारतीय मीडिया फाउंडेशन प्रस्तावित पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता सुरक्षा कानून की होलिका जलाने का कार्य करेगी।
उन्होंने देश के प्रत्येक नागरिकों से अधिक किया कि अब पत्रकार और प्रशासनिक अधिकारियों पर हमले हो रहे हैं उनकी पिटाई की जा रही है अगर अब आप साथ खड़े होकर नागरिक पत्रकारिता की स्थापना नहीं कराएंगे तो देश के नागरिकों की आवाज कौन उठाएगा सत्ता में बैठे हुए लोग एवं सत्ता की चाहत रखने वाले लोग अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए कोई भी हद पार करने के लिए उतावले हैं।
उन्होंने देश के समस्त पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि अब एकजुट होकर पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न का समर्थन करने वाले और पत्रकार सुरक्षा कानून विरोधियों की सरकार को उखाड़ फेंकना होगा इसकी जोरदार तैयारी देश के पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं को करनी होगी।