पुलिस के खेल निराले मेरे भैय्या! खुद दूसरे काम में मस्त और अपनी जगह ठेके पर रखा किसी और को

यूपी : पुलिस के खेल निराले मेरे भैय्या! खुद दूसरे काम में मस्त और अपनी जगह ठेके पर रखा किसी और को

सूबे के कानपुर पुलिस विभाग में बड़ा खेल चल रहा है। यहां कार्यरत सैकड़ों फॉलोवर्स अपनी जगह दूसरे को ठेके पर रखकर नौकरी करा रहे हैं। खुद दूसरे व्यापार में व्यस्त हैं। एक शिकायत की जांच में इसका खुलासा हुआ है। सीओ कैंट को डीआईजी ने मामले की जांच दी है। इसके साथ ही गड़बड़ी करने वाले फॉलोवर मुंशी को भी हटा दिया गया है।

बता दें कि शहर के प्रत्येक थाना, पुलिस अफसर के घर और दफ्तर में एक फॉलोवर की तैनाती होती है। मौजूदा समय में कानपुर शहर में 206 फॉलोवर हैं। जो अलग-अलग जगह तैनात हैं। डीआईजी से शिकायत की गई कि फॉलोवर अफसरों की कृपा पर अपनी जगह ठेके पर दूसरों से नौकरी करा रहे हैं। कई सालों से यह खेल चल रहा है। ठेके पर नौकरी करवाने वाले फॉलोवर्स खुद दूसरे व्यवसाय में व्यस्त हैं। इस तरह के एक दो नहीं सैकड़ों फॉलोवर हैं। डीआईजी प्रीतिंदर सिंह ने मामले की जांच सीओ कैंट आईपीएस सत्यजीत गुप्ता को दी थी। आरोप सही पाए जाने पर फॉलोवर मुंशी दीपक यादव को पटल से हटा दिया गया है। प्राथमिक जांच में एक दर्जन फॉलोवर इस तरह के मिले हैं, जो अपनी जगह दूसरों से ड्यूटी करा रहे हैं।

मुंशी से मिलीभगत कर फॉलोवर्स कर रहे थे गड़बड़ी
जांच में सामने आया कि फॉलोवरों का यह गड़बड़झाला मुंशी दीपक यादव की मिलीभगत से चल रहा था। आरोप है कि दीपक यादव को भी सभी फॉलोवर प्रत्येक महीने एक मुश्त रकम देते थे। इस वजह से सभी को मनमानी करने की छूट दी गई थी। डीआईजी ने दीपक को हटाकर अब अजय गुप्ता को फॉलोवर मुंशी बना दिया है। बड़े पैमाने पर गड़बड़ी होने पर भी दीपक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई नहीं की गई।

सूत्रों की मानें तो अगर मामले में निष्पक्ष जांच हुई तो एक-दो नहीं सैकड़ों फॉलोवर्स पर गाज गिरने वाली है। क्योंकि सौ से ज्यादा फॉलोवरों ने अपनी जगह छह से आठ हजार में एक आदमी को ड्यूटी में तैनात कर रखा था। जांच बैठी तो फॉलोवर्स के बीच हड़कंप मचा हुआ है। सत्यजीत गुप्ता, सीओ कैंट ने बताया कि डीआईजी के आदेश पर मामले की जांच की जा रही है। प्राथमिक जांच में कुछ गड़बड़ियां मिली हैं। इसके चलते फॉलोवर मुंशी को हटाया गया है। जांच पूरी होने के बाद इसकी रिपोर्ट डीआईजी को सौंपी जाएगी।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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