छत्तीसगढ़ में भ्रष्ट्राचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले मुकेश चंद्राकर की हत्याकांड से छत्तीसगढ़ में फैली दहशत।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन ने हत्यारों को फांसी देने की मांग की।
नई दिल्ली।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बालकृष्ण तिवारी एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता कृष्णकांत जायसवाल ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या को गंभीरता से लेते हुए कहा कि एक ईमानदार भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले पत्रकार की हत्या एक ठेकेदार के द्वारा कराई गई है जो सरकार के कार्य प्रणाली पर बहुत बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।
जारी बयान में दोनों वक्ताओं ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार पूरी तरीके से पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के सुरक्षा को दिलाने के लिए नाकाम साबित हो चुकी है जो पत्रकार भ्रष्टाचार के खिलाफ समाचार कवरेज कर रहे हैं कुछ लिख रहे हैं उनकी साजिश के तहत हत्या कर दी जा रही है एवं उन्हें फर्जी मुकदमे में जेल भेज दिया जा रहा है।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक एके बिंदुसार ने कहा कि पूरे देश में पत्रकारों का उत्पीड़न जोरों पर चल रहा है केंद्र एवं राज्य में चल रही सरकार अपने सरकारी तंत्र के भ्रष्टाचार के सवाल पर चुप्पी साधे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या यह मीडिया जगत के लिए एक बहुत बड़ी घटना है सरकार में बैठे हुए लोग, भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाले पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को चुन चुनकर मरवाने का काम कर रहे है और हत्यारों को बचा रहे हैं उन्होंने कहा कि जिन हत्यारों को एवं दोषियों को गिरफ्तार किया गया है उनको फांसी की सजा हर कीमत पर होनी चाहिए एवं शहीद पत्रकार के परिजनों को 50 लाख रुपए की मुआवजा एवं परिवार में किसी योग्य व्यक्ति को सरकारी नौकरी दिया जाए।
उन्होंने छत्तीसगढ़ के सभी पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता बंधुओ से एवं पत्रकार एवं मीडिया संगठनों के लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी साथी पत्रकार की हत्या वाले मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार से हत्यारों को फांसी देने एवं शहीद पत्रकार के परिजनों को 50 लाख की मुआवजा देने एवं परिवार के किसी योग्य व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की मांग करें।
उन्होंने कहा कि हम सभी पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं को संकल्पित होकर सड़कों पर उतरकर आंदोलन भी करने की जरूरत है।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष रेवत लाल पटेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में इधर पत्रकारों के उत्पीड़न का मामला काफी आ रहा है छत्तीसगढ़ के हम सभी पत्रकारों को अपने संगठन की मजबूती करते हुए पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं के अधिकारों को लेकर संघर्ष के रास्ते पर उतरना होगा।
उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार से मुकेश चंद्राकर पत्रकार की हत्या पर हत्यारों को फांसी देने एवं शाहिद के परिजनों को 50 लाख की मुआवजा एवं परिवार में किसी योग्य व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की मांग की हैं।