

एटा – निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की प्रेरणा से देशभर में महिला संत समागम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आगरा वेस्ट अर्जुन नगर स्थित निरंकारी सत्संग भवन पर विशाल महिला संत समागम का आयोजन हुआ। महिला संत समागम में एटा आगरा इटावा मैनपुरी उरई आदि स्थानों से हजारों की संख्या में महिलाएं एकत्रित हुई। जहा एटा से भी सेकड़ों महिलाओ ने भाग लिया।
मंचासीन संत डॉ शरण खन्ना जी ने संबोधित करते हुए कहा सहनशीलता गृहस्थ जीने में उत्तम सहायक है। जब हम परमात्मा पर विश्वास करते है तब हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ जाते है। और हम सहनशील बन जाते है।
आप ने कहा आध्यात्म में नारी का स्थान बहुत महत्वपूर्ण है | आज की नारी सशक्त होते हुए अनेकों जिमेदारियों को न सिर्फ बखूबी निभा रही है बल्कि आध्यात्मिक भूमिका में भी ऊँचा स्थान प्राप्त कर रहीं है | माँ , पत्नी , बहन का दायित्व निभाना हो या फिर एक भक्त और सेवादार की भूमिका निभाते हुए अपना जीवन यापन करती है।
आगे उन्होंने कहा कि गृहस्थ जीवन में रहते हुए हमें भक्तिमार्ग पर चलना है। अपनी जिमेदारियो को निभाते हुए हमें भक्ति भी करनी है। जब हमारे जीवन में संतोष का भाव आ जाता है तो वह सहज बन जाते है और यह अवस्था इस परमपिता निरंकार से जुड़कर ही संभव है।
अन्त में उन्होंने कहा कि हमे इस प्रभु की रजा में रहते हुए पल पल में इसका शुकराना करना है। यही भाव मन में लाना है कि जो मेरे लिए सुखदाई है वही मुझे मिले। ऐसे भाव के साथ ही एक भक्ति भरा जीवन जिया जा सकता है।
इस महिला संत समागम में वक्ताओं ने अपने विचार गीत, लघुनाटिका, भक्ति रचनाओं आदि के माध्यम से प्रेम, दया, सहनशीलता, विश्वास, करुणा व एकत्व आदि मूल्यों पर प्रकाश डाला।
माता कान्ता जी ने मुख्य अतिथि डॉ शरण खन्ना जी को दुपट्टा पहना कर सम्मानित किया |
जोनल इंचार्ज एच के अरोड़ा जी ने आगरा जोन 59 से पधारी सभी ब्रांचो के संतों एवं महिला संत समागम में व्यवस्था में योगदान देने बाले सभी सेवदारों का धन्यवाद सहित आभार व्यक्त किया |