11 हजार विद्युत लाइन की चपेट में आने से बंदर की हुई मौत
सूचना पर पहुंचकर जानवरों के प्रति असीम प्रेम करने वाले डॉक्टर वैभव जैन ने हिंदू रीति रिवाज से बंदर का किया अंतिम संस्कार

एटा। मानव सेवा से बड़ा पुण्य जीव सेवा का होता है बेजुबान जो अपनी पीड़ा किसी से नहीं कह सकते लेकिन बिना कहे उनकी पीड़ा समझने वाला वास्तविक सेवक कहलाता है। ऐसे ही हमारे जनपद में पत्रकार डॉ वैभव जैन जो कि हमेशा से जीव जंतुओं की सेवा में अपने आप को समर्पित किए हुए हैं।
आपको बता दें डॉक्टर वैभव जैन का लगाव हमेशा से पशु पक्षियों से रहा है। वह हमेशा पशु पक्षियों की सेवा लिए तत्पर रहते हैं। वैभव जैन से बात करने पर उन्होंने बताया की जानवरों के प्रति उनका प्रेम व लगाव उनके पिता गिरीश चंद जैन द्वारा दिए गए संस्कारों का परिणाम है, उन्होंने बताया कि जब मैं बहुत छोटा था तब एक बार एक गौ वंशज जिसकी हालत बहुत ही खराब थी पिताजी ने उसका लगभग 12 दिन उपचार किया और उसके खाने का प्रबंध भी कराया उनके पिता को भी जानवरों से असीम प्रेम था जिसके कारण उनके मन में भी मासूम जीवो के प्रति प्रेम की भावना उत्पन्न हुई। वैभव जैन ने बताया अब तक वह 40 से अधिक घायल पक्षियों को घर में लाकर अपने खर्चे से उनका उपचार कर उन्हें आजाद भी कर चुके हैं जहां से जैसे भी उन्हें किसी भी जानवर या पक्षी के घायल होने की सूचना प्राप्त होती है वह उसके उपचार के लिए अपनी जिम्मेदारी समझते हुए तत्पर हो जाते हैं 2 दिन पूर्व एक गौ वंशज के घायल होने की सूचना उनके फोन पर प्राप्त हुई तत्काल मौके पर पहुंचकर चिकित्सकों की मदद से गो वंशज का उपचार कर दिया गया ऐसी ही सूचना जैथरा से भी प्राप्त हुई उन्होंने कहा कि जीव जंतुओं की पीड़ा उन्हें बर्दाश्त नहीं होती और वह किसी भी हालत में उनका उपचार करने के लिए तत्पर हो जाते हैं चाहे उन्हें सरकारी चिकित्सकों की मदद ही क्यों ना लेनी पड़े। मंगलवार को डॉक्टर वैभव जैन को सूचना मिली की 11 हजार विद्युत लाइन की चपेट में आने से एक बंदर की दर्दनाक मौत हो गई और वह सड़क किनारे पड़ा हुआ है वह तत्काल मौके पर पहुंचे और हिंदू रीति रिवाज से गंगाजल से स्नान कर कर बंदर का अंतिम संस्कार किया। डॉ वैभव जैन का जानवरों के प्रति ऐसा प्रेम देखकर जनपद के लोग अक्सर उनकी तारीफ करते नहीं थकते।