फसल अपशिष्ट को जलाने से मिट्टी, जलवायु व मानव स्वास्थ्य पर पड़ता है विपरित प्रभाव

फसल अपशिष्ट को जलाने से मिट्टी, जलवायु व मानव स्वास्थ्य पर पड़ता है विपरित प्रभाव

पराली या अन्य कृषि अवशेष जलाकर प्रदूषण फैलाने वालों पर की जाएगी कड़ी कार्यवाही

फसल अपशिष्ट प्रबंधन जागरूकता वाहन को जिलाधिकारी ने दिखाई हरी झंडी

बरेली, 08 अक्टूबर। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने आज पराली एवं फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर रोक लगाये जाने के सम्बन्ध में जनपद स्तरीय अनुश्रवण समिति एवं कम्बाईन स्वामियों की बैठक विकास भवन सभागार में की।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि फसल अपशिष्ट/पराली जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों से कृषकों को अवगत कराने हेतु किसान पाठशालाएं लगायी जायें, जिसमें किसानों को अवगत कराया जाये कि किस प्रकार मिट्टी, जलवायु व मानव स्वास्थ्य पर इस प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि समस्त किसानों को समझाया जाये कि वह पराली आदि ना जलाये यदि नहीं मानते है तो कड़ी कार्यवाही की जाये, पराली जलाने की निगरानी सैटेलाइट के माध्यम से की जाती है। उन्होंने निर्देश दिये कि ग्राम प्रधान, चौकीदार, सचिव, लेखपाल आदि सजग दृष्टि बनाये रखें कि कही भी पराली ना जलने पाये।
जिलाधिकारी ने पिछले वर्षों में फसल अपशिष्ट/पराली जलाये जाने की घटनाओं की जानकारी लेते हुए समस्त संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन तहसीलों, ब्लाकों एवं ग्रामों में पराली जलाने की अधिक घटनायें घटित हुई हैं उन्हें विशेष रूप से चिन्हित कर उनकी सूची बनाकर ग्राम प्रधान तथा बृहद धान आच्छादन वाले कृषकों एवं कम्बाईन स्वामियों की संबधित थाना अथवा तहसील स्तर पर बैठक आयोजित कर पराली जलाये जाने की घटनाओं को रोके जाने हेतु अधिक प्रयास, ऐसे ग्रामों में विशेष जागरूकता अभियान चलाकर प्रचार-प्रसार, संबधित चिन्हित ग्रामों के कृषकों को कृषि विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये बायो डि-कम्पोजर निःशुल्क वितरित कराने एवं किसानों को अपनी पराली जैव ऊर्जा उत्पादक संस्थानों को बेचे जाने हेतु किया जाये।
जिलाधिकारी ने कहा कि कृषकों से अपील कर समझाने के बावजूद भी यदि फसल अवशेष जलाये जाने की घटनाओं में वृद्वि होती है तो इस कृत्य को मा0 राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशों की अवहेलना मानते हुए उन कृषकों पर कड़ी कार्यवाही किये जाने हेतु कृषि, राजस्व एवं पुलिस विभाग के तहसील स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिये। यदि यह घटना पराली जलाने की पायी जाती है तो दोषियों के विरूद्व कठोर कार्यवाही एवं जुर्माना की कार्यवाही किये जाने के लिए कहा। उन्होंने उक्त घटनाओं को घटित होने से रोकने के सम्बन्ध में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों/अधिकारियों के विरूद्व भी कठोर कार्यवाही की चेतावनी दी है।        
जिलाधिकारी ने कृषकों से अपील की है कि फसल अपशिष्ट/पराली ना जलाये बल्कि इसका खेत में ही उपयोग एवं प्रबन्धन करें, नजदीकी गौशालाओं को दान करें। फसल अवशेष जलाने का कृत्य किसी भी प्रकार से उचित नहीं हैं, यह मानव स्वास्थ्य तथा पर्यावरण के विरुद्ध किया जाने वाला अपराध है। पराली जलाये जाने से उत्पन्न हो रही गैसों के कारण आंखों में जलन एवं श्वास सम्बन्धी बीमारियों से लोग ग्रसित हो रहे है।  
उक्त के उपरांत जिलाधिकारी ने फसल अपशिष्ट प्रबंधन जागरूकता वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।  
बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक घुले सुशील चन्द्रभान, मुख्य विकास अधिकारी जग प्रवेश, अपर जिलाधिकारी (वि/रा) संतोष बहादुर सिंह, परियोजना निदेशक डीआरडीए तेजवंत सिंह, उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, जिला कृषि रक्षा अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, सहायक निदेशक(मत्स्य), अधीक्षण अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड, समस्त उप जिलाधिकारी/पुलिस क्षेत्राधिकारी सहित सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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