
एटा में झोलाछाप डॉक्टर ने एक और को लीला. जनपद में प्रतिदिन हो रही झोलाछाप डॉक्टरों की गलत इलाज से प्रतिदिन कोई ना कोई मारा जा रहा है. जहां एक ओर सरकार सबको शिक्षा सबको स्वास्थ्य. देने का वादा कर रही है वहीं दूसरी ओर. सरकारी अस्पतालों में किसी प्रकार की कोई सुविधा किसी भी मरीज को नहीं मिल पा रही है. जहां एटा जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज अवंतीबाई बना दिया गया है जहां पर. कई मंजिला. इमारतें खड़ी कर दी गई है जिसमें सुविधाओं के नाम पर कोई. सुबिधा आम आदमी को नहीं है. गरीब आम आदमी आज भी झोलाछाप डॉक्टरों के सहारे है. जनपद में कस्बा ग्रामीण क्षेत्र एवं शहरी क्षेत्र में कुकुर मुत्तो की तरह खुली नर्सिंग होम एवं प्राइवेट डॉक्टरों. के इलाज से प्रतिदिन कोई न कोई मौत हो रही है. पंजीकृत नर्सिंग होम में या प्रसूता की मौत हो रही है वहीं दूसरी ओर नवजात शिशु की कल एक नर्सिंग होम में मौत हुई थी. आज ताजा मामला कस्बा सकीट के. मोहल्ला उतरना का है. जहां एक झोलाछाप डॉक्टर धीरेंद्र के यहां. कस्बा क्षेत्र के मोहल्ला उतरना निवासी. राकेश पुत्र पुत्र बालकिशन. इलाज कराने के लिए आए थे जहां उनके गलत दवा इंजेक्शन से उनकी हालत बिगड़ गई जब. उनके परिवार जन उन्हें जिला अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज ला रहे थे जहाँ रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया. मृतक के परिजनों ने डॉक्टर के क्लीनिक के सामने शव रखकर हंगामा किया. डॉक्टर क्लीनिक खुला छोड़ कर घटनास्थल से फरार हो गया. जनपद में. मुख्य चिकित्सा अधिकारी उमेश चंद्र त्रिपाठी के काफी प्रयास के बावजूद भी पंजीकृत नर्सिंग होम तथा झोलाछाप डॉक्टरों पर लगाम नहीं लग रही है. प्रतिदिन एक दो जान जा रही है एटा से निशा कांत शर्मा की रिपोर्ट.