
मदरसा दारूल उलूम गौसिया, जामा मस्जिद में स्वतन्त्रता दिवस पर कार्यक्रम हुआ आयोजित
लखनऊ : इंदिरा नगर में स्थित मदरसा दारूल उलूम गौसिया, जामा मस्जिद में स्वतन्त्रता दिवस की 77 वीं वर्षगांठ पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत अब्दुल माबूद द्वारा ध्वजारोहण से की गई और राष्ट्रगान का गायन हुआ। इसके बाद छात्रों – अध्यापको सहित उपस्थित नागरिकों के बीच पत्रकार एवं समाजसेवी नैमिष प्रताप सिंह ने विस्तार से स्वतंत्रता आंदोलन के लंबे संघर्षों के इतिहास को याद किया। उन्होंने बताया कि कैसे ईस्ट इंडिया कम्पनी ने झूठ , छल , प्रपंच , धोखा और हड़पो अभियान के जरिए यहां राज कायम किया और 100 साल बीतते – बीतते यहां के नागरिकों द्वारा 1857 में अखिल भारतीय स्तर पर कंपनी राज के खिलाफ संगठित विरोध हुआ, जिसे फिरंगियों ने क्रूरतापूर्वक कुचल दिया ।इसके बाद 90 वर्ष तक भीषण लड़ाई हुई जिसमें नेता जी सुभाषचंद्र बोस जैसे महान क्रांतिकारियों ने अद्भुत साहस और पराक्रम से फिरंगी राज के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष किया तो चंद्रशेखर आजाद , सरदार भगत सिंह , राम प्रसाद बिस्मिल, रोशन सिंह , अशफाक उल्लाह आदि हजारों – हजार क्रांतिकारियों के प्राणों के बलिदान के बाद हमें यह बहुमूल्य लोकतंत्र और स्वशासन के जनतांत्रिक अधिकार मिले। आज हम विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के रूप में असितत्वमान है , जहां धर्म – जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। सबको ‘ विधि के समक्ष समता ’ और अवसर की समानता का अधिकार प्राप्त है। नैमिष प्रताप सिंह ने आगे कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों को हमें आत्मसात करना होगा। अच्छे जनप्रतिनिधि चुनने होंगे जिससे लोकतांत्रिक व्यवस्था को ज्यादा से ज्यादा जबाबदेह और पारदर्शी बनाया जा सके। शिक्षा , स्वास्थ्य , सड़क , बिजली , पानी की सुविधाओं को और ज्यादा अच्छा बनाने की जरूरत है। सामाजिक विषमता और गैर – बराबरी तभी खत्म होगी जब देश और राज्य में एक पारदर्शी और जबाबदेह सरकार होगी।
इस कार्यक्रम में मुख्य प्रधानाचार्य कारी अली अहमद ने सामजिक एकजुटता पर जोर दिया जिससे इस देश – समाज को उन्नति और खुशहाली के रास्ते पर ले जाया जा सके। इसके अलावा शौकत अली खान , कारी जाकिर , अटल जी , बसंत लाल बाल्मीकि आदि में भी अपने संबोधन में नागरिकों के बीच देशभक्ति की भावना को मजबूत करने पर बल दिया। कार्यक्रम में हाफिज मो. हारून द्वारा ‘ तिरंगा जिंदाबाद ’ के बोल वाले गीत ने लोगों का मन मोह लिया। छोटे – छोटे बच्चों और छात्रों ने भी देश भक्ति के गीत गाए और मिष्ठान वितरण भी हुआ। जामा मस्जिद और दारूल उलूम गौसिया के सदर शहजाद अली खान ने कार्यक्रम का संचालन किया और आए हुए सभी अतिथियों को धन्यबाद दिया।
