2वर्ष से यार्ड में खड़े कबाड़ हो गए,

दो वर्ष से यार्ड में खड़े कबाड़ हो गए, रिपोर्ट योगेश मुदगल

एटा। नगर पालिका परिषद एटा के पास शहर में सफाई कराने के लिए भरपूर वाहन मौजूद है। उसके बाद भी सफाई व्यवस्था बदहाल बनी हुई है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत करोड़ों के बजट से खरीदें गए आधे से अधिक वाहनों को आज तक एक बार भी सफाई कार्य के लिए उपयोग नहीं किया गया है। दो वर्ष से यार्ड में खड़े कबाड़ हो गए हैं।

स्वच्छ भारत अभियान के तहत वर्ष 2020-21 में तत्कालीन ईओ डॉ. दीप कुमार वार्ष्णेय के कार्यकाल में सफाई व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए डलावघरों से कूड़ा उठाने वाले तीन रिफ्लेक्टर कंम्पेक्टर, मार्गों पर झाडू लगाने के एक ऑटोमेटिक स्वीप मशीन, डोर टू डोर कूड़ा उठाने के 25 छोटा हाथी टेंपो, पानी खीचने वाली दो शक्सन मशीन, डोर टू डोर कूड़ा उठाने के लिए 10 ई-रिक्शा, एक जेसीबी मशीन, एक छोटी पॉकलेन मशीन के अलावा निराश्रित गोवंशों को पकड़ने के लिए एक कैटल कैचर मशीन खरीदी गई थी। इतने वाहनों के बाद इस वर्ष तीन छोटे ट्रैक्टर प्रेशर ट्रॉली के साथ खरीदे गए हैं। इतनी बड़ी संख्या में खरीदे गए ज्यादातर वाहन आने के बाद एक बार भी उपयोग में नहीं लिए गए हैं। वाहन नगर पालिका के जलकल कंपाउंड स्थित वाहन यार्ड में खड़े धूल फांक कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं।

सफाई कार्य में इन वाहनों का हो रहा उपयोग नगर पालिका शहर के सफाई कार्य में 25 में से 8 टेंपो का ही उपयोग किया जा रहा है। 10 ई-रिक्शा में से तीन डोर टू डोर कूड़ा उठाने में उपयोग किए जा रहे है। छोटी पॉकलेन और नई जेसीबी मशीन सफाई कार्य में उपयोग की जा रही है।
यह खरीदे गए थे नए वाहन

वाहनों की संख्या कुल कीमत

एक स्पीप मशीन 43 लाख

तीन रिफ्लेक्टर कंम्पेक्टर 1.5 करोड़

25 टेंपो 1.5 करोड़

10 ई-रिक्शा 10 लाख

एक जेसीबी 25 लाख

एक कैटल कैचर 14 लाख

दो शक्सन मशीन एक करोड़

एक छोटी पॉकलेन मशीन 22 लाख

रिफ्लेक्टर कंम्पेक्टर अधूरे भेजे गए हैं। स्वीप मशीन में भी खराबी आ गई है। उसे सही कराने के लिए लखनऊ भेजा गया है। खरीदे गए वाहनों में कोई न कोई कमी होने के कारण वाहन सप्लाई देने वाली कार्यदायी संस्था को नोटिस दिया गया है। शेष वाहन ऑपरेटरों की कमी होने के कारण उपयोग में नहीं लाए जा सके है। वित्तीय समस्या के चलते सभी वाहन ऑपरेट नहीं हो पा रहे है।

संजय कुमार गौतम, ईओ नगर पालिका परिषद एटा

आने के बाद एक बार भी उपयोग नहीं हुए यह वाहन

तीन रिफ्लेक्टर कंम्पेक्टर, 17 छोटा हाथी टेंपो, सात ई-रिक्शा, दोनों शक्सन मशीन, तीन छोटे ट्रैक्टर ट्रॉली, एक स्वीप मशीन, एक कैटल कैचर आदि वाहन जलकल कंपाउंड में खड़े होकर धूल फांक रहे है। अधिकांश वाहनों का अब तक नंबर परिवहन विभाग में पंजीकरण भी नहीं हुआ है। वाहनों का उपयोग न होने के कारण वाहन खड़े होकर कबाड़ में तब्दील होते जा रहे हैं।

नगर पालिका के पास नहीं हैं वाहन ऑपरेटर

नगर पालिका के पास स्वीप मशीन, रिफ्लेक्टर कंम्पेक्टर, शक्सन मशीन चलाने के लिए प्रशिक्षित एवं कुशल ऑपरेटर नहीं हैं। इसके अलावा अन्य सफाई वाहनों को चलाने के लिए भी पर्याप्त चालकों की बेहद कमी बनी हुई है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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