
पति समेत तीन को सात-सात वर्ष की सजा
कासगंज। सत्र न्यायाधीश ने दहेज उत्पीड़न व विवाहिता को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में पति समेत तीन ससुराल वालों को सात-सात वर्ष की सजा सुनाई है। कोर्ट ने तीनों को अर्थदंड से भी दंडित किया है।
सोरों पुलिस के अनुसार एटा के गांव अरथरा निवासी धर्मपाल सिंह ने अपनी पुत्री शीतल का विवाह गांव ताखरू निवासी धरवेंद्र के साथ किया था। ससुराल वाले शीतल को विवाह के बाद से ही अतिरिक्त दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे। धर्मपाल सिंह ने सोरों कोतवाली में दी तहरीर में बताया कि एक दिसंबर 2013 की शाम आठ बजे उन्हें बेटी की हत्या करने की सूचना मिली।
दो दिसंबर को जब वह बेटी की ससुराल पहुंचे तो उन्हें उसका शव मिला। पुलिस ने मृतका के पिता की तहरीर पर दहेज हत्या व अन्य धाराओं में धरवेंद्र, सोनू, मिथिलेश व पप्पू के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया। पुलिस ने चारों के विरुद्ध कोर्ट में आरोप पत्र भी दाखिल किया। सत्र न्यायाधीश सैय्यद माऊज बिन आसिम ने इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद धरवेंद्र, सोनू व मिथिलेश को दहेज उत्पीड़न व विवाहिता को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का दोषी पाते हुए सात-सात साल की सजा सुनाई है। आरोपी पप्पू को दोषमुक्त कर दिया। पीड़िता की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता संजीव सिंह यदुवंशी ने कोर्ट में पैरवी की।
जानलेवा हमले के दोषी को सात साल का कारावास
कासगंज। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या 5 कृष्णलीला यादव ने जानलेवा हमले के एक दोषी को सात वर्ष की सजा सुनाई है। 10 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है। ढोलना पुलिस के अनुसार गांव छिछौरा के निवासी अविनाश कुमार ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसके पिता जयवीर सिंह 11 दिसंबर 2013 की शाम गांव में शोर सुनकर घर से अपने घेर की ओर जा रहे थे। उसी समय घात लगाए बैठे सुभाष उर्फ बंटी व संजय ने उन पर तमंचे से फायर कर दिया। पिता गंभीर रूप से घायल हो गए। अविनाश की तहरीर पर पुलिस ने सुभाष व संजय के विरुद्ध जानलेवा हमला व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने दोनों के विरुद्ध आरोप पत्र भी कोर्ट में दाखिल कर दिया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कृष्णलीला यादव ने दोनों पक्षों को सुना और सुभाष उर्फ बंटी को जानलेवा हमले का दोषी पाते हुए सात वर्ष की सजा सुनाई। पीड़ित पक्ष की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अंकित अग्रवाल ने पैरवी की।