यह मेरा अंतिम चुनाव है मुझे विश्वास है कि बनारस की जनता मुझे जीत के रूप में अपना आशीर्वाद देगी।

इस बार वाराणसी नगर निकाय चुनाव कई मायने में बेहद अहम है क्योंकि इस बार का चुनाव मैं नहीं बल्कि बनारस की जनता लड़ रही है। जनता को यह बखूबी मालूम है कि आज बनारस की क्या हालत बनाकर रख दी गई है। एक समय था जब बनारस की जनता को क्योटो और गुजरात मॉडल के नाम पर बरगलाया गया । फिर स्मार्ट सिटी के नाम पर बरगलाया जा रहा है। आखिर स्मार्ट सिटी के नाम पर बनारस में कितना पैसा खर्च किया गया और बनारस कितना स्मार्ट बना । बनारस के विकास को लेकर जो भी पैसा खर्च किया गया उसमे जमकर लूट हुई । बनारस का अंदरूनी हालात आज भी खराब है। गड्ढा युक्त सड़कें ओवरफ्लो होता सीवर दूषित पेय जल और ऊपर से टैक्स की मार ने पूरे बनारस की जनता को आज परेशान कर दिया है। बनारस की जनता से जुड़े सवालों को दबाया जा रहा है। नगर निकाय चुनाव लोकतंत्र की प्रथम पायदान माना जाता है पर दुर्भाग्य देखिए कि देश में सबसे पहले अगर किसी सदन को नष्ट किया गया तो वह बनारस के मिनी सदन को। मिनी सदन वह स्थल होता है जहां बनारस के नगरीय हिस्सों से चुनकर आए पार्षद बैठकर पार्षद अपने इलाको से जुड़ी विभिन्न समस्याओं से जुड़े सवालों को उठाते हैं और उन समस्याओं को दूर कराने के लिए काम करवाते हैं। आज बनारस के पार्षद को बैठने के लिए एक अदद सदन तक नही है यह कितने दुर्भाग्य की बात है। मैं आप सभी पत्रकार साथियों के माध्यम से जनता को यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि मैं अपने मेयर पद के इस अंतिम चुनाव द्वारा बनारस की जनता को वह सबकुछ देने का प्रयास करूंगा, जो एक मेयर ने अब तक बनारस को नहीं दिया होगा । मेरा सबसे पहला प्रयास बनारस में सदन की व्यवस्था करना ताकि लोकतंत्र की इस सबसे निचले पायदान को पुनः खड़ा किया जा सके । हाउस टैक्स को कम से कम करना गरीबों ठेका पटरी व्यवसाय के बंधुओं के लिए विशेष व्यवस्था करना, सीवर सड़क और पेयजल की व्यवस्था को दुरुस्त करना। नगर निगम के बंद पड़े स्कूलों को पुनः चालू करवाना आने वाले भविष्य को देखते हुए बनारस के लिए ऐसी योजनाओं मास्टर प्लान को लागू करवाना जिससे की मूलभूत समस्याएं दूर हो सकें । मेरी कोशिश होगी की पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी जी द्वारा नगर निकाय चुनाव को लेकर लाए गए संविधान के 73 वें व 74 वें संशोधन को लागू करवाना ताकि नगर निकाय को और अधिक शक्तियां प्राप्त हो सकें। मैं बनारस में जन्मा पला बढ़ा बनारस की माटी में खेला और बड़ा हुआ हूं। आपने मेरे सार्वजनिक जीवन के लंबे दौर को देखा है। मैं यहां की पवित्र माटी को नमन करता हूं। यह माटी मेरी मां है। मैं अपने सक्रिय राजनीति का विराम बनारस को उसकी ख्याति के अनुरूप बनाकर करना चाहता हूं ताकि मैं काशी के बेटे की हैसियत से अपना मातृ ऋण को बनारस की सेवा कर उतार सकूं । बनारस से मेरा रिश्ता भावनात्मक है।
आज की इस पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए पर्व विधायक एवं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि अनिल श्रीवास्तव जी का शानदार और स्वच्छ राजनैतिक जीवन और उनके कद के आगे वर्तमान में कोई भी दूर दूर तक नही दिखाई देता। आपका छात्र राजनीति से लगायत आजतक का राजनैतिक जीवन सेवा त्याग और सहयोग का रहा है। आज बनारस को एक ऐसे ही मेयर की जरूरत है। बनारस को बनारस मॉडल से ही चलाया जा सकता है न कि गुजरात मॉडल द्वारा। आज बनारस में जो कुछ काम किया जा रहा है वह बनारस को सिर्फ ध्वस्त करने का षड्यंत्र है। बनारस की गलियां सड़कें सीवर यहां कि व्यवस्था को जितना अच्छा एक बनारसी समझ सकता है उतना अच्छा और कोई नही समझ सकता। भाजपा अगर काम की होती तो उनमें आज इतनी घबराहट नही होती। यह घबराहट ही तो है कि निकाय चुनाव में उनका मुख्यमंत्री उप मुख्यमंत्री मंत्री केंद्रीय मंत्री लोकसभा अध्यक्ष ने बनारस में डेरा डालकर बनारस की जनता को विकास दिखलाने की कोशिश कर रहे हैं। आखिर इन लोगों ने कौन सा विकास किया है जिसको समझाने के लिए पूरी कैबिनेट की फौज उतार दी गई है।
पूर्व सांसद डॉ राजेश मिश्रा ने कहा कि अनिल श्रीवास्तव जी से मेरी पहचान छात्र राजनीति से ही है। मैने और अनिल जी ने एक ही साथ और एक ही दिन से राजनीति की शुरुआत की थी। हमे गर्व है कि मेरा भाई दोस्त को आज पूरा बनारस अपना प्यार दे रहा है । निश्चित रूप से मेयर के रूप में बनारस की महान जनता अनिल श्रीवास्तव जी को चुनकर बनारस की तकदीर बदलने का काम करेगी।ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है। आज बनारस की जनता अपने लिए एक पूर्ण मेयर चाहती है। आधा अधूरा वाला मेयर बनारस की जनता नहीं चाहती।
आज की पत्रकारवार्ता में पूर्व विधायक एवं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रांतीय अध्यक्ष जिला अजय राय पूर्व सांसद डॉ राजेश मिश्रा जिला एवं महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल राघवेंद्र चौबे पूर्व पी सी सी वीरेंद्र कपूर दुर्गा प्रसाद गुप्ता हाजी रईस अहमद अंसारी सीताराम केशरी फसाहत हुसैन बाबू अफरोज अंसारी डॉ राजेश गुप्ता अरुण सोनी डा अरविंद किशोर राय मनीष मोरोलिया डॉ नृपेंद्र नारायण सिंह लड्डू श्रीवास्तव आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे ।