गांवों में खोले मिनी सचिवालयों में पड़े ताले, ग्रामीण हो रहे परेशान

अनदेखी
गांवों में खोले मिनी सचिवालयों में पड़े ताले, ग्रामीण हो रहे परेशान, रिपोर्ट योगेश मुदगल

एटा – गांव के लोगों को गांव में ही सुविधा मुहैया कराने के लिए खोले गए मिनी सचिवालय का प्रयोग नहीं हो रहा है। इतना ही नहीं गांव में अधिकारी और कर्मचारी भी नहीं पहुंच रहे। न ही यह सीएचसी के लिए प्रयोग में लाए जा रहे है। हाल ये है कि गांव के लोगों को अपने काम कराने को शहरों की दौड़ लगानी पड़ रही है। हिन्दुस्तान ने मारहरा क्षेत्र के तीन गांवों का हाल देखा तो वहां पर ताले लटके मिले।

सोमवार को मारहरा क्षेत्र के गांव सिरसा बदन पर हिन्दुस्तान की टीम पहुंची। सुबह दस बजे के बाद भी मिनी सचिवालय के ताले नहीं खुले थे। वहां पर कोई भी यह बताने वाला भी नहीं था कि यहां पर कर्मचारी कितने बजे पहुंचते है। यहीं हाल क्षेत्र के गांव पिदौरा और नौजलपुर का था। यहां पर 11 बजे तक मिनी सचिवालय पर कोई कर्मचारी आया नहीं था। ताला लगा हुआ था।

575 पंचायतों में शुरू हुई थी सुविधा जिले की 575 पंचायतें (अब 569) पंचायतों में पंचायत सहायकों की भर्ती कराई गई थी। इसमें गांव के लोगों को गांव में ही सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश थे। इसके लिए कंप्यूटर सहित अन्य चीजें उपलब्ध कराई गई थी।

गांवों में खोले मिनी सचिवालयों में पड़े ताले, ग्रामीण हो रहे परेशान
यह है स्थिति

ब्लॉक का नाम खोले गए खातों की संख्या

अलीगंज 48

अवागढ़ 64

जैथरा 40

जलेसर 43

मारहरा 43

निधौली कलां 53

सकीट 41

शीतलपुर 69

कुल 400

खाते न खुलने पर एडीओ पंचातय का वेतन रोका

एटा। मिनी सचिवालयों को सीएचसी बनाने के लिए सभी पंचायतों में खाते खोले जाने थे। एक वर्ष का समय होने के बाद भी यह कार्य पूरा नहीं हो सका है। अधिकारियों की मानें तो अभी तक करीब 170 से अधिक गांव ऐसे जहां पर बैंक खाते भी नहीं खुल सके। बैंक खाता ना खुलने के कारण भी काम आगे नहीं बढ़ पा रहे। कार्य में लापरवाही होने पर आठ एडीओ पंचायतों का वेतन रोक दिया गया है।

पंचायतों पर बने सचिवालयों पर सरकारी सुविधा न मिल पाने से ग्रामीण स्तर को लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। फर्द तक भी गांव में नहीं मिल रही है।

दानिश खान, गांव सिलोनी

सभी अधिकारियों को निर्देश है कि वह मिनी सचिवालय में बैठें। पंचायत सहायक सीएचसी का काम करेंगे। अगर कोई नहीं कर रहा है तो कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. अवधेश वाजपेई, सीडीओ एटा

ग्राम पंचातयों में मिनी सचिवालयों का दर्जा दिए जाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। अधिकांश स्थानों पर काम शुरू हो गया है, जिन स्थानों पर अभी काम नहीं हो सका है वहां पर जल्दी ही काम शुरू करा दिया जाएगा। पंचातयों के खाता खोलने में एडीओ पंचायत ने सही से काम नहीं किया है तो वेतन रोक दिया गया है।

केके चौहान, डीपीआरओ

गांव के लोगों के लिए फर्द, पेंशन, आयुष्मान कार्ड आदि बनवाने के लिए बनाई थी योजना, अधिकांश पंचायत सहायक भी रहने लगे गायब, काम के लिए लोग शहर में लगा रहे दौड़

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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