नरेगा का पैसा हड़पने के लिए ग्राम प्रधान ने रात के अंधेरे में जेसीबी से बनवाई कच्ची सड़क
सड़क को नरेगा योजना में दिखाकर लाखों का घोटाला करने का खेल

एटा । सरकारी धन की बंदरबांट और लूट किस तरह होती है इसका बेजोड़ नमूना जनपद एटा के विकास खंड शीतलपुर थाना बागवाला के ग्राम नगला परमसुख में देखा गया। यहां प्रधान छोटेलाल ने अपने भूमाफिया साथियों की मदद से किसानों की जमीन से रात के अंधेरे में जेसीबी मशीन चला कर मिट्टी भर ली और कच्ची सड़क डाल दी। उसने इसे नरेगा का काम बता कर ग्रामीणों को गुमराह किया।
ग्राम प्रधान छोटेलाल ने शाहपुर मिलावली ग्राम पंचायत के करीब 300 नरेगा मजदूरों के जॉब कार्ड अपने कब्जे में कर लिए। पैसा कमाने के लिए यह व्यक्ति30000 रुपए जेसीबी मशीन को देखकर रात के अंधेरे में मिट्ट डलवा देता है। इसके बाद है व्यक्ति पंचायत सेक्रेट्री के साथ मिलकर भुगतान का बिल बनाता है। और नरेगा योजना का पैसा जॉब कार्ड धारकों के खाते में डलवा कर ग्रामीण बैंक अहमदाबाद के कैशियर को अपने घर बुला लेता है। इसके बाद बैंक की पोस मशीन पर सभी मजदूरों के अंगूठा लगवा कर पैसा निकलवा लेता है। इसके बाद यह घोटालेबाज प्रधान क्योंकि नरेगा के मजदूरों ने कोई काम किया नहीं इसलिए दो 200 __200 उन्हें पकड़ा देता है। मजदूर मुफ्त का पैसा हाथ में आते ही खुश हो जाते हैं। बाकी सारी रकम यह प्रधान पंचायत सेक्रेट्री और अपने भूमाफिया साथियों की मदद से हड़प लेता है। जिन्होंने यह सीट रिजर्व होने के बाद लाखों रुपए से मदद कर इसे प्रधानी का चुनाव लड़वाया था। इसके घोटाले के खेल का खुलासा गुरुवार की रात हुआ जब यह करीब 600 मीटर कच्ची सड़क बनाने के लिए जेसीबी मशीन लेकर आ गया। जब लोग रात के अंधेरे में अपने घरों में कड़ाके की सर्दी में सो रहे थे तब प्रधान छोटेलाल लाखों के घोटाले का खेल खेल रहा था। इसका जीता जागता नमूना यह वीडियो है जो ग्रामीणों ने रात के अंधेरे में बनाया। ग्राम प्रधान के इस पूरे घोटाले के खेल में नगला परमसुख निवासी कृपाल सिंह भी शामिल है जो कि सहकारिता विभाग का गबन करने वाला मास्टरमाइंड है। अफसोस की बात तो यह है कि ए आर कोऑपरेटिव ने आज तक इस घोटालेबाज सहकारी सचिव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। जबकि है करीब 500000 रुपए की यूरिया, डीएपी बाजार में बेच कर फरार हो गया और खुलेआम गांव में रहता है।