
ठाकुरद्वारा मे 6 दिसंबर को भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज द्वारा वाल्मीकि धर्मशाला वार्ड नंबर 2 ठाकुरद्वारा मे बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें सर्वप्रथम बाबासाहेब के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। गोष्टी में बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के जीवन पर प्रकाश डाला गया। विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए भावाधस के मीडिया प्रभारी मुकेश चौधरी ने कहा की डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी 6 भाषाओं और 26 डिग्री के साथ भारत में आए और संविधान स्वर्ण युग का प्रारंभ किया। मानसिक गुलामी दूर कर असमानता से समानता शिक्षा देकर नारी को सम्मान देकर पशु तुल्य जीवन मे सुधार किया। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी ने SC/ST/OBC के लिए भारतीय संविधान में विशेष प्रविधान किए, न्याय प्रिय दरदर्शी करोड़ों दलितों प्ररेण स्रोत बाबा साहेब की शिक्षा के बिना जीवित नहीं रह सकते वे सर्वे जाति के हैं पूरे राष्ट्र के महान लेखक हैं बाबासाहेब ने अपनी लेखनी से सभी को सम्मान दिया जो बाबासाहेब को जानते हैं मानते हैं वह उनके संघर्षों और त्याग बलिदान को भुला नहीं सकते है। कार्यक्रम में वक्तागण अनुज वाल्मीकिन, आदेश राठौर, आशु वाल्मीकिन, मुकुल, अमन चौधरी, आशीष वाल्मीकि, ओंकार, आदि उपस्थित रहे।