ताजमहल में फिर नमाज पर बवाल, अब कोर्ट जाएगा हिंदूवादी संगठ, सवाल उठा- धार्मिक गतिविधियां बैन, तो फिर ताज परिसर में नमाज क्यों पढ़ी जा रही?

अगस्त में ताजमहल परिसर केरल के पर्यटकों ने नमाज पढ़ी. इसके बाद से नई बहस शुरू हुई कि ताजमहल परिसर में नमाज नहीं पढ़ी जानी चाहिए. हिंदूवादी संगठन कोर्ट जाने की तैयारी में है. बता दें कि ताजमहल की शाही मस्जिद पर नमाज पढ़ी जाती है. साथ ही, सालाना उर्स पर इबादत होती है. इस पर रोक लगाने के लिए हिंदूवादी संगठन प्रयास कर रहे हैं.
दरअसल, 7 महीने में 3 बार ताज परिसर में नमाज पढ़ी गई जबकि धार्मिक गतिविधियां इस परिसर में प्रतिबंधित हैं. अब ताजमहल की शाही मस्जिद पर नमाज़ पढ़ी जाने की कोई अनुमति नहीं होने का दावा हिंदूवादियों ने किया है. कोर्ट में याचिका दाखिल करने की तैयारी कर रहे हैं. वहीं ताजमहल मस्जिद प्रबंधन समिति के अध्यक्ष इब्राहीम हुसैन जैदी का कहना है कि शाही मस्जिद में पर्यटकों के नमाज़ पढ़ने पर कोई रोक नहीं है. ताजमहल के अंदर मस्जिद है और नमाज़ मस्जिद में पढ़ी जाती है. विभाग ने बिना किसी आदेश के रोक लगाकर विवाद खड़ा किया हुआ है. इसी कारण अनजाने में लोगों से परिसर में नमाज़ पढ़ने की गलती हो जाती है.
बीते रविवार को ताजमहल के गार्डन के अंदर मुस्लिम महिला-पुरुष के बैठे होने और पुरुष के नमाज पढ़ने का वीडियो सामने आया. इसके बाद कल सोमवार को हिंदूवादी संगठनों ने पुरातत्व विभाग के कार्यालय का घेराव किया. एक्शन की मांग रखी. प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा. अपनी फजीहत बचाने के लिए पुरातत्व विभाग ने विभागीय जांच और अज्ञात के खिलाफ मुकदमा लिखने के लिए थाना ताजगंज में शिकायत देने की जानकारी दी. इसके बाद मामला पूरे देश की सुर्खियां बन गया.
अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय जाट ने वीडियो बयान जारी किया है. संजय का कहना है कि आगरा के जाने-माने इतिहासकार और लेखक राज किशोर शर्मा ने साल 2018 में आरटीआई के तहत सवाल किया था कि ताजमहल में नमाज़ की अनुमति किसने दी है. इसके जवाब में पुरातत्व विभाग ने अनुमति होने का कोई अभिलेख और जानकारी नहीं होने की बात कही थी.
इसके बाद सवाल उठे कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ताजमहल में धार्मिक गतिविधियों पर रोक है. फिर आखिर किसके आदेश पर ताजमहल के अंदर शुक्रवार, ईद, और रमजान में नमाज होती है. सालाना उर्स में 3 दिन ताजमहल मुफ्त रखकर वहां इबादत करवाई जाती है. अखिल भारत हिंदू महासभा जल्द ही नमाज पर रोक लगाने के लिए कोर्ट जाने का फैसला किया है.