30 लाख खर्च के बाद भी प्यास नहीं बुझा सके वाटर फ्रीजर

*30 लाख खर्च के बाद भी प्यास नहीं बुझा सके वाटर फ्रीजर, रिपोर्ट योगेश मुदगल

एटा, – शहर के धार्मिक स्थलों, मुख्य मार्गो एवं सार्वजनिक स्थानों पर लाखों खर्च करने के बाद लगवाए गए अधिकांश वॉटर फ्रीजर बंद होकर कई महीनों से धूल फांक रही हैं, जिससे शहरवासियों को आज भी शुद्ध पेयजल संबंधी दिक्कत है। जबकि नगर पालिका का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।

तत्कालीन नगर पालिका ईओ डॉ. दीप कुमार वार्ष्णेय के कार्यकाल में कुल 30 लाख के बजट से शहर के विभिन्न स्थानों पर वाटर फ्रीजर इस आसय से लगवाए गए थे कि शहर के लोगों को मार्गो एवं सार्वजनिक स्थानों पर शुद्ध पेयजल के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े, लेकिन वाटर फ्रीजर लगाने के कुछ महीनों बाद ही अधिकांश स्थानों पर लगाए गए 80 फीसदी वाटर फ्रीजर बंद हो गए। शिकायत करने के बाद भी वाटर फ्रीजरों को दुरुस्त नहीं कराया गया है। इसके कारण शहर के लोगों को आज भी मार्गो एवं सार्वजनिक स्थानों पर शुद्ध पेयजल के लिए समस्याओं का सामना कर रहे है। नगर पालिका ने वाटर फ्रीजर लगवाने के बाद उनकी देखभाल करने के लिए किसी भी कर्मचारी को जिम्मेदारी नहीं दी। जिन स्थानों पर वाटर फ्रीजर लगाए गए हैं, वहीं के लोगों को उनके रख रखाव एवं संचालन की जिम्मेदारी दे दी गई है, जिससे जिम्मेदारों की मनमानी के चलते वाटर फ्रीजरों की बेकदरी हो रही है।

पालिका के पास खराब वाटर फ्रीजरों को ठीक कराने के लिए बजट नहीं है। वैसे भी सर्दिया आ गई है अब वाटर फ्रीजरों की इतनी जरुरत नहीं है। गर्मी के दिनों में सभी फ्रीजरों को दुरुस्त करा दिया जाएगा।

संजय कुमार गौतम, ईओ नगर पालिका परिषद एटा।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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