
उत्तर प्रदेश में एक बिना वजह का एक्जाम शुरू हो गया है, जिसका नाम PET है,
इससे कोई नौकरी नहीं मिलती.
ये बस क्वालिफाइंग एक्जाम होता है, जो सिर्फ एक साल के लिए वैलिड होता है.
मतलब अगले एक साल में ग्रुप C की जो भर्ती निकलेगी उसमें शामिल होने के लिए ये एक्जाम ख़ास मेरिट से पास करना अनिवार्य है.
अगर अगले साल भर्ती नहीं निकली तो इस एक्जाम का कोई मतलब ही नहीं.
एक साल बाद जो इस एक्जाम के टापर्स होंगे उनको भी फिर से इस एक्जाम में अपीयर होना पड़ेगा. क्योंकि ये एक साल के लिए ही वैलिड होता है.
तो एक्जाम पास करते रहिए,
साल भर नौकरी नहीं आयी तो अगले साल फिर यही एक एक्जाम दीजिए,
इसके अगले साल फिर वही काम.
ये विद्यार्थियों के लिए एक दुष्चक्र जैसा बन जाने वाला है.
बिना एक भी नौकरी की गारंटी के लाखों विद्यार्थी सफर करते हैं, एक्जाम देते हैं.
परेशान होते हैं.
तमाम रेलवे स्टेशनों से ऐसी तस्वीरें आ रही है जो विचलित कर रही हैं, ऐसी शारीरिक और मानसिक पीड़ा से गुजरने के बाद विद्यार्थी किस तरह बेहतर पर्फार्मेंस दे पाते होंगे,
ये मेरी समझ से तो परे है.
जय हिन्द.