
रायगढ़ , दूर पहाड़ियों पर बसा एक राज्य था और वहाँ का राजा था , भूदेव ! ! जिसकी तीन पुत्रियाँ ( रेवती , किशोरी, नंदिता ) और एक पुत्र (प्रताप )था ! महल से कुछ ही दूरी पर एक घना जंगल था , , जिसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की प्रताप की उत्सुकता हमेंशा बनी रहती थी , ,जिसकी जानकारी भूदेव को अच्छी तरह से थी , , वो हर मुमकिन कोशिश करता था कि प्रताप उस जंगल की ओर कभी ना जा पाए क्योकि वो अपने एकलौते पुत्र को खोना नही चाहता था , ,लेकिन प्रताप को चैन कहाँ , , वो उस मायावी कहे जाने वाले जंगल के बारे में पता लगाना चाहता था ! ! एक दिन प्रताप ने ठाना कि बस बहुत हो गया , , वो आज रात खुद उस जंगल के रहस्य का पता लगाएगा , ,आखिर क्या है उसमें जो सब इतना डरते है , ,, , इतना घना जंगल है तो , , अंधेरा तो होगा ही और जंगल में जानवर होंगे तो डरावनी आवाजे आना आम बात है , ,, , , , और रही बात लोगो के एक बार उस उस जंगल में जाने के बाद वापस ना आने की बात तो , , शायद ये उनकी लापरवाही का नतीजा हो कि , , जानवर उन्हे जान से मार देते हो , , ! ! ! ! रात हुई , , प्रताप ने अपने दोस्त सुमेर से पहले ही सलाह कर रखी थी , , वो महल के गुप्त द्वार जो कि रसोई से होते हुए , , नदी के पार खुलता था , ,
वहाँ से जंगल पास ही था , , पर घोड़ा लिए प्रताप का इंतजार कर रहा था , ,समय होते ही प्रताप छुपते छुपाते , , रसोई में पहुंचा , , उसने तंदूर के पास बने एक खंभे में बनी एक अजीब सी जगह में चिड़िया के आकार का खिलौना रखा , ,, और उसे तीन बार दाई ओर, और एक बार बाई ओर घुमाकर अंदर की ओर दबा दिया । इससे वो खंभ एक ओर हट गया और एक आदमी के निकलने लायक रास्ता खुल गया , , प्रताप को इस दरवाजे के बारे में उसकी दादी ने बताया था , , वो इसी दरवाजे से छुपकर , , नगर घूमने जाती थी । प्रताप बाहर निकला और दोनो जंगल की ओर निकल पड़े , , वो जंगल से कुछ ही दूर थे , , आषाढ़ की गर्मी में भी शरीर को थर्रा देने वाली हवा चल रही थी , , ,
सियार की आवाज ऐसे सुनाई दे रही थी , जैसे वो कानो के पास ही मृत्यु राग अलाप रहा हो , ,सुमेर , प्रताप को बार बार आगे ना बढ़ने की चेतावनी दिए जा रहा था , ,कि अब भी समय है वापस चलो , , परंतु प्रताप की उत्सुकता उसे किसी की सुनने नही दे रही थी , ,! ! ! दोनो जंगल के पास पहुँच गए , , , चलो सुमेर आ गए हम अपनी मंजिल पर , , आज वो कहावत सच हो जाएगी , , , कौन सी , , सुमेर ने उत्सुकता से पूछा , , , अर्रे वही , , , गेहूं के साथ घुन भी पीसा जाता है , ,प्रताप ने हसते हुए जवाब दिया , , , चलो , , इतिहास गवाह होगा कि एक दोस्त , अपने दोस्त के पागलपन की वजह से कुर्बान हो गया , , , दोनो बाते करते करते जंगल में प्रवेश करने ही वाले थे कि , , , कि पीछे से आवाज आई , , ठहरो नौयुवको , , कहाँ जा रहे हो ? क्या तुम्हे अपनी जान प्यारी नही , ! ! दोनो ने पीछे मुड़कर देखा तो एक बूढ़ा , ,जिसकी कमर झुकी हुई थी , ,अपने आप को एक गंदे लबादे में लपेटे हुए , ,एक हाथ से लाठी पकड़े और दूसरे हाथ में लालटेन पकड़े , धीमी चाल से उनकी ओर बढ़ा चला जा रहा था ! ! ! कौन है आप , ,और इतनी रात को आप यहाँ क्या कर रहे हो , ,! ! ! ! ऐसे हमें रोकने का आपको क्या अधिकार है ! ! ! मैं इस राज्य का राजकुमार प्रताप हूँ , , , मेरे ऊपर कोई हुक्म नही चला सकता ! ! ! ! …
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