*एटा टॉपर होने से दो कदम पीछे!*

जी सही सुन पढ़ रहें है!पूरे प्रदेश में जनपद नें कब्ज़ा रहित सरकारी भूमि का प्रदेश सरकार से तमगा पहना था। शासन की मंशा अनुसार काम नहीं करने पर एटा इस समय प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में उत्तर प्रदेश में 73 वें नंबर पर पहुंच गया है। जी सही पढ़ा आपने! प्रदेश के 75 जिलों को क्रॉस करने में सिर्फ दो कदम पीछे खड़ा है जनपद एटा….
*लेकिन वज़ह समझ लीजिये..*
जनपद एटा में तीन तहसील है.1- एटा सदर 2-जलेसर 3-अलीगंज। सदर तहसील के कामों का आंकलन किया जाये तो एटा सदर इस योजना में दूसरे नंबर पर है जों करीब 79% काम ही कर सका है वही जलेसर नें भी करीब 82% काम कर जिले की साख को बचाये रखा है। परंतु तहसील अलीगंज में सिर्फ इस योजना पर 57% काम होने की वज़ह से जनपद एटा को पूरे प्रदेश में 73 वें नंबर का मुँह देखना पड़ रहा है।
*तहसील अलीगंज के काम भी देख लीजिये*
तहसील अलीगंज कुल मिला कर सिर्फ 4 से 5 घंटे ही खुलती है और काम होते है। वो कैसे समझ लीजिये. जनपद एटा में रहने वाले लेखपाल कानूनगो जों इस योजना के सूत्रधार है वही तहसील अलीगंज परिसर में 12 बजे पहुंच पाते है। क्योंकि मुख्यालय से 10:30 से चलते है और 12 बजे करीब पहुंचना होता है। कैसे होगा काम समझ सकतें है….
*अलीगंज तहसील नें कराई शासन में किरकिरी*
57% किसान सम्मान निधि योजना में काम होने से शासन नें जिले के आलाधिकारियो की जमकर क्लास ली। जबकि चार माह पूर्व शासन नें सरकारी भूमियों से अवैध कब्जे हटाने पर जनपद एटा को शाबाशी भी दीं थी।
*अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या अलीगंज में अधिक*
एक SDM, एक तहसीलदार, एक नायाब तहसीलदार, के साथ-साथ लेखपाल की संख्या 25 व लेखपाल क्षेत्र 71 वर्तमान में मौजूद है। जबकि जलेसर में लेखपाल 19 व क्षेत्र लेखपाल 51, सदर तहसील में लेखपाल 88 व लेखपाल क्षेत्र 123 है।
सदर एटा व जलेसर तहसील में इस समय नायाब तहसीलदार का पद रिक्त चल रहा है।
*इस गणित में अलीगंज तहसील सबसे छोटी तहसील है।वही काम nil / सन्नाटा है।*
*Pm किसान सम्मान निधि में कृषि विभाग का दोष और बन्दर बाँट पर आगामी समय में सबूतों के साथ लेख पढ़ने को मिलेगा जल्द*