
प्रसव रिकॉर्ड में फर्जीवाड़े की जांच शुरू
एटा। राजा का रामपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा किया गया। निजी नर्सिंग होम और घरों में हुए प्रसव भी सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज कर लिए गए। अमर उजाला में खबर प्रकाशित होने के बाद विभाग में खलबली मची और जांच शुरू कर दी गई है।
कस्बा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर महिलाओं को नियमित रूप से प्रसव सुविधा नहीं मिलती। अक्सर केंद्र का प्रसव कक्ष खुलता नहीं है। इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर किसी चिकित्सक की तैनाती नहीं है। ऐसे में सामान्य रोगियों को दवा तक मिलना मुश्किल होता है।
कस्बे और ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को अलीगंज, फर्रुखाबाद आदि स्थानों पर प्रसव के लिए जाना पड़ता है। तो गरीब और अशिक्षित लोग घर में दाई आदि के माध्यम से प्रसव कराने का जोखिम लेते हैं। वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य केंद्र का रिकॉर्ड यहां प्रसव सुविधा सुचारु होने का दावा कर रहा है।
इसके मुताबिक 21 जून से 8 सितंबर के बीच यहां 17 महिलाओं के प्रसव कराए गए। जब अमर उजाला टीम ने इसकी पड़ताल की तो कई मामले ऐसे सामने आए, जिनका प्रसव निजी नर्सिंग होम या घर पर ही हुआ। कहीं मर्जी से तो कहीं लोगों की बिना जानकारी के इनका विवरण केंद्र के रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया था। खबर प्रकाशित होने के बाद आलाधिकारियों ने इस पर जवाब मांगा तो स्थानीय स्तर पर जांच शुरू कराई गई है।
घर-घर पहुंचकर की जाएगी जांच
अलीगंज सीएचसी के अधीन यह स्वास्थ्य केंद्र आता है। वहां के चिकित्साधीक्षक डॉ. रंजीत वर्मा ने बताया कि अलीगंज सीएचसी की स्वास्थ्य पर्यवेक्षक मालती यादव स्थानीय आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर संबंधित महिलाओं के घर पर पहुंचकर सत्यापन करेंगी। गड़बड़ी मिलती है तो संबंधित कर्मचारी पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि पीएचसी पर किसी भी प्रसूता को जननी सुरक्षा योजना के तहत भुगतान नहीं किया गया है।