डिजिटल “मीडिया” के पत्रकारों ने देश को मजबूत बनाने व भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का किये है कार्य“
अटल बिहारी शर्मा -हमारे देश में जब से डिजिटल मीडिया ने अपना पैर पसारा है तब से स्वतंत्र पत्रकारों की पत्रकारिता करने का अंदाज़ भी बदल गया है।

स्वतंत्र पत्रकार इसके पहले भी खुलकर बोलते थे खुलकर लिखते थे सवाल करने से पीछे नहीं रहते थे लेकिन उन्हें अपनी बातों को पब्लिश करने के लिए जन जन तक अपनी खबरों को पहुंचाने के लिए बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
किसी पत्रिका में किसी अखबार में या फिर किसी इलेक्ट्रॉनिक्स चैनल में जाकर अपने शब्दों को पब्लिश करवाने के लिए बहुत पापड़ बेलने पड़ते थे।
कुछ प्रिंट मीडिया तो इनकी भावनाओं को समझ कर कहीं कोने किनारे में अखबार में जगह दे देते थे जिससे उनकी खबर प्रकाशित हो जाती थी।
तो कुछ अखबार स्वतंत्र पत्रकारों का कोई वैल्यू नहीं करते थे वह साफ शब्दों में कह देते थे कि हम आपके खबरों को प्रकाशित नहीं कर सकते हैं मजबूरन तमाम स्वतंत्र पत्रकार को किसी ना किसी बैनर से जुड़कर काम करना पड़ता था जिससे वो वही लिख सकते थे वही खबर प्रकाशित करवा सकते थे जो संपादक के समझ में आए।
परंतु आज डिजिटल मीडिया ने स्वतंत्र पत्रकारों की स्वतंत्रता को आजादी के साथ लिखने पर बोलने पर तीखे सवाल करने पर फुल आजादी दे दी है।
जिससे आज तमाम स्वतंत्र पत्रकार अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से आपने न्यूज़ पोर्टल के माध्यम से खुलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ लिख रहे हैं वीडियो सूट कर रहे हैं और शासन प्रशासन से बेहिचक सवाल करके देश के जनता के लिए देश को मजबूत बनाने का काम कर रहे हैं।
अब ना तो स्वतंत्र पत्रकार को किसी प्रिंट मीडिया का इंतजार करना होता है और ना ही किसी टीवी चैनल का अपने प्लेटफार्म पर तत्काल खबरों को प्रकाशित करते हैं और चंद मिनटों में देश दुनिया तक उनकी खबरें जन जन के बीच देखें और पढ़े जाने लगते हैं जिससे देश का नागरिक जागरूक भी हो रहा है।
आज डिजिटल मीडिया के पत्रकारों द्वारा कहां रोड टूटा हुआ है कहां से सीवर लाइन लीक हो रहा है कहां गंदगी का भरमार है कौन से अस्पताल में मरीजों की अच्छे से इलाज नहीं हो पा रहा है।
कहां का शिक्षा बदहाल है किस ग्रामीण क्षेत्र में विकास नहीं हुआ है वहां के प्रधान क्या काम कर रहे हैं सुरक्षा व्यवस्था क्या है पुलिस पीड़ितों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं ऐसी खबरों से अवगत करा कर अपराध भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का काम स्वतंत्र पत्रकारों ने किया है और आज भी कर रहे हैं।
जिससे देश सही दिशा में जा रहा है देश के जनता को फायदा हो रहा है शासन प्रशासन भी अलर्ट दिखाई पड़ रहा है।
जिससे कुछ अराजक तत्वों को काफी परेशानियां भी हो रही है जो स्वतंत्र पत्रकारों के लिए खतरा भी साबित हो सकते हैं उन को डराने के लिए उनको धमकाते हैं रिपोर्टिंग के दौरान किस अखबार से हो किस चैनल से हो ऐसे सवाल करते हैं और डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को लोगों के बीच मजाक बनाते हैं परंतु फर्क नहीं पड़ता क्योंकि देश का हर एक नागरिक जान चुका है कि सोशल मीडिया एक बहुत बड़ा हथियार है जिससे बड़े-बड़े अपराधी भ्रष्टाचारी को घुटने टेकने पढ़ सकते हैं।
तो वहीं कुछ लोगों के कमाई का जरिया डिजिटल मीडिया ने बंद करवा दिया है जो लोगों को बेवकूफ बनाकर लोगों में दहशत फैलाकर अपना दुकान चलाते थे।
अब वो लोग रयूमर फैलाना शुरू किए हैं की डिजिटल मीडिया से जुड़कर पत्रकारिता करने वाला व्यक्ति पत्रकार नहीं होता जो प्रिंट मीडिया से कार्ड लेकर चलेगा जो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से कार्ड लेकर चलेगा वही पत्रकार है वही खबर कवर कर सकता है यह एक साजिश है इस बात को स्वतंत्र पत्रकार को समझना होगा साथ ही देश के जनता को भी।
देश का सेवा करने के लिए देश के जनता के लिए उनकी आवाज उठाने के लिए शासन प्रशासन से सवाल करने के लिए ना तो डिग्री की जरूरत होती है और ना किसी प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कार्ड की।
संविधान ने देश के हर एक नागरिक को अपनी बात रखने का अधिकार दिया है उस अधिकार का आप उपयोग गाना के माध्यम से भी कर सकते हैं कहानी के माध्यम से कर सकते हैं नाटक के माध्यम से कर सकते हैं या फिर पत्रकारिता करके देश के राष्ट्रवादी पत्रकार बनकर अपनी पत्रकारिता करके देश हित के लिए समाज कल्याण के लिए अपनी बातों को रख सकते हैं।
कोई भी हो कानून के दायरे में रहकर सबको काम करना होता है उसी तरह स्वतंत्र पत्रकार को भी डिजिटल मीडिया के माध्यम से काम करने के लिए कानून का उल्लंघन नहीं करना चाहिए कानून के दायरे में रहकर देश हित के लिए समाज कल्याण के लिए शासन प्रशासन से सवाल भी कर सकते हैं और कहां क्या हो रहा है उस तस्वीर को भी दिखा सकते हैं।
आवाज जन-जन की अपराध भ्रष्टाचार के खिलाफ।
स्वतंत्र पत्रकार अटल बिहारी शर्मा लखनऊ।
संपर्क नंबर 9984 299 124!