पुलिस मुठभेड़ के आरोपी को मिली जमानत

एटा।पुलिस पर जानलेवा हमला करने के आरोपी की आज अपर जिला जज कक्ष संख्या 3 एटा द्वारा जमानत याचिका मंजूर कर ली गई। पुलिस मुठभेड़ का उक्त आरोपी पंजाबी पिछले बीस दिनों से जिला कारागार में निरुद्ध था।
थाना मारहरा पर दर्ज एफ आई आर के अनुसार थाना मारहरा प्रभारी सत्यपाल सिंह पुलिस बल के साथ क्षेत्र में गश्त कर रहे थे तभी दौरान चेकिंग एसओजी प्रभारी शंभूनाथ सिंह के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई की नगला अतीत क्षेत्र में हुई घटना की चेकिंग सूचना पर एसओजी प्रभारी शंभुनाथ सिंह अपनी टीम के साथ प्रभारी निरीक्षक थाना मिरहची छत्रपाल सिंह पुलिस बल के साथ सर्चिंग के दौरान एक कच्ची पगडंडी मार्ग से नया बांस की तरफ से रतनपुर नहर से महाराणा की तरफ आ रहे हैं। उप पुलिस बल किन्हीं संदिग्धों का पीछा करते हुए आ रहे हैं। इस सूचना पर थाना प्रभारी सत्यपाल सिंह मय फोर्स काफी कम समय में कोटाना नहर पुल से रतनपुर नहर की तरफ गाड़ी की ऊपर की हुई फ्लैशलाइट बंद करके चल दिए यह लोग नगला देव सेन के आगे बहद ग्राम शोरा पर पहुंचे तो एक मोटरसाइकिल पर दो व्यक्ति गाड़ी की लाइट में आते दिखाई दिए पुलिस वालों ने संगीता के आधार पर उनके नजदीक आने पर अपनी गाड़ी बीच पटरी पर उनको रोकने के प्रयत्न में लगा दी उसे लगा दी बाइक सवार व्यक्तियों द्वारा पुलिस की गाड़ी को देखकर अचानक उन पर फायर कर दिया गया जो थाना प्रभारी मारहरा सत्यपाल सिंह की गाड़ी की हेडलाइट में लगा तुरंत पुलिस वालों ने गाड़ी की आड़ लेकर उक्त लोगों को चेतावनी दी किंतु उन्होंने भागने का प्रयास किया और पुलिस पर इस दौरान लगातार पांच फायर किए। इतने में एसओजी प्रभारी शंभूनाथ सिंह व थाना प्रभारी निरीक्षक छत्रपाल सिंह पुलिस बल के साथ उन बदमाशों का पीछा करते हुए आ रहे थे उन्होंने बदमाशों को रोकने एवं आत्मसमर्पण के लिए आवाज दी जिस पर बदमाशों ने खुद को घेता देख उनके ऊपर फायर कर दिया। पुलिस द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई में एक अभियुक्त पंजाबी को पैर में गोली लगी जब कि दूसरा मौके का फायदा उठाकर भागने में कामयाब रहा था। पुलिस ने पंजाबी के पास से एक तमंचा जिंदा कारतूस वह चार खोखा कारतूस और एक संदिग्ध मोटरसाइकिल बरामद कर अभियुक्त को पंजाबी को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था तब से वह जिला कारागार में निरुद्ध था।
अभियुक्त पंजाबी की ओर से जनपद न्यायालय के समक्ष जमानत याचिका प्रस्तुत करते हुए उसके अधिवक्ता नितिन चंद्रेश शर्मा और अम्बरीष कुमार एडवोकेट द्वारा पुलिस द्वारा प्रस्तुत की गई समस्त सबूत कहानी को झूठा एवं बेबुनियाद करार देते हुए कहां कि पंजाबी को पुलिस ने उक्त मामले में झूठा फंसाया है। पुलिस बल के द्वारा उसे घर से उठा कर उसके पैर में गोली मारी गई तथा झूठी मुठभेड़ की कहानी बनाकर पूरा मामला बनाया गया है। इस मामले में पंजाबी पूर्णता निर्दोष है। अपर जिला जज कक्ष संख्या 3 एटा के समक्ष प्रस्तुत हुई पंजाबी की जमानत याचिका पर दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के पश्चात अपर जिला जज रामबाबू यादव द्वारा पंजाबी की जमानत याचिका मंजूर कर ली गई।