यूपी (लखनऊ) : न फायर अलार्म बजा, न किसी ने की मदद, पाइप से उतरकर बचाई जान’, सर्वाइवर की आपबीती

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के होटल लेवाना में लगी आग को बुझाने और रेस्क्यू ऑपरेशन का काम करीब चार घंटे से जारी है. इस हादसे में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है और करीब डेढ़ दर्जन लोगों को बचाया जा चुका है. बाकी का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. होटल में आग सुबह साढ़े सात बजे के करीब लगी थी.
आठ बजे से दमकल कर्मियों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया. आग की भयावहता को देखते हुए एसडीआरएफ की टीम को भी इसमें लगाया गया. यूपी की राजधानी के पॉश इलाके में इतने बड़े होटल में इस तरह की आग और रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी को गंभीरता से लेते हुए यूपी सरकार ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं.
इस बीच देश के एक निजी न्यूज़ चैनल ने उन सर्वाइवर से बात की, जिन्होंने किसी तरह अपनी जान बचाई. पवन त्यागी ने बताया कि सुबह 7:30 का समय था, जिस वक्त वह अपने कमरे में सो रहे थे, तभी अचानक उन्हें धुआं महसूस हुआ और उनकी आंख खुली, जिसके बाद जैसे ही उन्होंने अपने कमरे का दरवाजा खोला तो देखा कि आग का भभका उनकी तरफ आया.
इसी क्रम में पवन त्यागी ने आगे बताया कि मैंने तुरंत ही दरवाजे को बंद किया और जब खिड़की से झांककर देखा तो होटल के कर्मचारी वहां खड़े थे, उनसे पूछने पर उन्होंने बताया कि पाइप के जरिए ही आप नीचे आ सकते हैं, जिसके बाद मैं पाइप के जरिए किसी तरह से अपनी जान बचा पाया, आग लगने के बाद भी होटल में कोई फायर अलार्म नहीं बजा था.
एक और सर्वाइवर अक्षय ने न्यूज़ चैनल को बताया कि सुबह धोखे से उनकी आंख खुली और आनन-फानन में लोगों की चिल्लाने की आवाज आने लगी, उसके बाद वह घबरा गए और खिड़की के सहारे नीचे उतरे. उन्होंने कहा कि होटल का कोई कर्मचारी मदद के लिए सामने नहीं आया और सभी बाहर खड़े तमाशा देख रहे थे.
अक्षय का कहना है कि आग लगने के बाद कोई फायर अलार्म भी नहीं बजा और खिड़कियों से लोग हाथ निकाल कर अपनी जान से बचाने की गुहार लगाते रहे और होटल कर्मचारी बाहर खड़े देखते रहे. वहीं अंश कौशिक ने कहा कि कुछ भी समझ नहीं आया कि क्या हुआ, बाहर लोग आग-आग कहकर चिल्ला रहे थे.
सिविल अस्पताल में एडमिट मोना ने कहा कि होटल में आग से बचने के कोई इंतजाम तो मुझे नहीं दिखाई पड़े थे, मैं लखनऊ घूमने के लिए आई थी लेकिन सुबह ही यह हादसा हो गया. यानी सर्वाइवर्स की माने तो होटल प्रबंधन की तरफ से न केवल नियमों की अनदेखी की गई, बल्कि गेस्ट की जान बचाने में भी कोचाही की गई है.
मौके पर मौजूद अधिकारियों का कहना है कि 10 लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया था, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी, 8 लोगों का इलाज किया गया लेकिन सिविल अस्पताल में 7 लोग भर्ती है, 8वां व्यक्ति भर्ती नहीं किया गया क्योंकि वह सामान्य था और फायर कर्मचारी था, उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है. इसके अलावा होटल से दो लाशें निकाली गई हैं.
वहीं सिविल अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि सभी लोगों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है, क्योंकि धुआं उनके फेफड़ों तक पहुंच गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद सिविल अस्पताल पहुंचकर घायलों से मिले थे और अधिकारियों से रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने का निर्देश दिया. साथ ही सीएम योगी ने पूरी घटना की जांच के आदेश दिए हैं.