जेल सुधारक डॉ रघुनंदन सातवीं बार पद्मश्री के लिए नामांकित
कारागार सुधारों के क्षेत्र में 16 वर्षों से कर रहे हैं काम
मिल चुके हैं दर्जनों सम्मान।
15 अगस्त को जेल में फहराया सबसे बड़ा तिरंगा

कासगंज 20 अगस्त। जेल सुधारों के क्षेत्र में पिछले 16 वर्षों से महत्वपूर्ण काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता जेल सुधारक डॉ प्रदीप रघुनंदन को भारत सरकार की ओर से प्रदान किए जाने वाले नागरिक सम्मान पद्मश्री के लिए सातवीं बार नामांकित किया गया है। डॉ रघुनंदन को जनपद कारागार कासगंज में पिछले कई वर्षों से चलाए जा रहे बंदी कल्याण कार्यक्रमों के आधार पर पद्मश्री के लिए नामांकित किया गया है।
ज्ञातव्य है कि जेल सुधारक डॉ प्रदीप रघुनंदन पिछले 16 वर्षों से उत्तर प्रदेश के कारागार में बंदियों के बीच शैक्षिक सामाजिक एवं रचनात्मक कार्यक्रमों के संचालन के माध्यम से उनका मानसिक परिवर्तन कर बंदियों को अपराध से विमुख रखते हुए एक जिम्मेदार नागरिक बनाने की दिशा में काम कर रहे। जनपद कारागार एटा को वर्ष 2008 में अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रतिष्ठित आईएसओ प्रमाण पत्र दिलाने ,बंदियों को शिक्षा का अधिकार दिलाने ,जेल रेडियो के माध्यम से बंदियों का स्वस्थ मनोरंजन करने एवं बंदियों के बीच खेल कूद और योगा जैसी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से वह कारागार की भूमिका को सुधार ग्रह के रूप में परिवर्तित कर रहे हैं।
भारत सरकार की ओर से प्रदान किए जाने वाले नागरिक सम्मान पद्मश्री के लिए सातवीं बार नामांकित होने पर अपने विचार व्यक्त करते हुए जेल सुधारक डॉ प्रदीप रघुनंदन ने कहा कि यह निश्चित रूप से हर्ष और गर्ल की बात है l उन्हें सातवीं बार उत्तर प्रदेश की ओर से जेल सुधारों के क्षेत्र में पद्मश्री के लिए नामांकित होने का अवसर प्राप्त हुआ है और गौरव यह भी है कि इस बार जनपद कारागार कासगंज के कार्यक्रमों को आधार बनाया गया है l उन्होंने कहा कि कारागार आने वाला हर व्यक्ति अपराधी नहीं होता l हम कारागार कोको सुधार ग्रह के रूप में देखते हैं जहां बंदियों को पठन-पाठन से लेकर खेलकूद के तमाम अवसर उपलब्ध हो। वह जेल में रहते हुए अपने समय का सदुपयोग कर सकें और अपने हुनर को तराशे एवं जब वह वापस समाज में जाएं तो समाज एक जिम्मेदार एवं कारागार से बदल कर आए व्यक्ति के स्वागत के लिए तैयार हो। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 2022 को जनपद कारागार कासगंज में आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर 75 फुट लंबा तिरंगा झंडा बंदियों के द्वारा फहराया गया जो एक विश्व कीर्तिमान है और दुनिया के किसी भी जेल में फहराया जाने वाला यह सबसे बड़ा झंडा है।
जेल सुधारक डॉक्टर प्रदीप रघुनंदन को इंटरनेशनल आइकॉन अवार्ड राष्ट्रीय जेल सेवा सम्मान उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान तिनका तिनका अवार्ड कारागार महानिदेशक उत्तर प्रदेश के द्वारा प्रदेश स्तरीय सम्मान सहित दर्जनों बार राष्ट्रीय एवं प्रदेश के पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है l उन्हें उत्तर प्रदेश कारागार महानिरीक्षक के द्वारा उत्तर प्रदेश की सभी जेलों में सुधारात्मक गतिविधियां संचालित करने के लिए अधिकृत किया गया है।