
मंडी के कांटो पर किसानों को नहीं भरोसा
एटा। मंडी समिति में अनाज की तौल के लिए लगे कांटों पर किसानों को भरोसा नहीं है। किसान मंडी के कांटों पर तौल करवाने के बजाए बाहर रुपये देकर अपने अनाज की तौल करा रहे हैं। इससे अलीगंज और मैनपुरी मार्ग दिन भर बाधित रहता है।
पिछले दो सप्ताह से मंडी समिति में मूंगफली और मक्का की आवक हो रही है। हर रोज पांच सौ से अधिक किसान मूंगफली और मक्का लेकर पहुंच रहे हैं। मंडी कर्मचारियों के अनुसार हर रोज मंडी में आठ से दस क्विंटल मूंगफली की मंडी में आढ़तिया खरीद कर रहे हैं। वहीं मक्का भी बड़ी संख्या में पहुंच रही है। बावजूद इसके मंडी समिति में लगे दोनों कांटों पर सन्नाटा है। इन कांटों पर अक्सर कर्मचारी भी नहीं मिलते हैं।
मंडी समिति के बाहर लगे कांटों पर किसान मक्का व मूंगफली की तौल करा रहा है, जहां उसे तौल के बदले मैक्स गाड़ी के 40 रुपये, ट्रैक्टर के 60, डीसीएम 100 और ट्रक के 160 रुपये भी चुकाने पड़ रहे हैं। जबकि यही तौल मंडी समिति के कांटों पर निशुल्क होती है। लेकिन किसानों का मानना है कि मंडी के कांटे ठीक नहीं है। उनकी तौल और बाहर के कांटों की तौल में काफी अंतर आता है। मंडी समिति के जिम्मेदार किसानों के भ्रम को दूर नहीं कर पा रहे हैं, हालांकि वह कांटे पूरी तरह से ठीक होने का दावा जरूर कर रहे हैं।
बोले किसान, मंडी के कांटे हैं खराब
हम लोग भी मंडी के कांटों पर निशुल्क तौल कराने को तैयार है। लेकिन ज्यादातर समय मंडी के कांटे खराब रहते हैं।
विपिन चौहान, कुनैठा
ज्यादातर समय मंडी के कांटे खराब ही रहते हैं। इसलिए हम लोग बाहर तौल कराते हैं। वहां के कांटो पर भी भरोसा नहीं है। कभी ज्यादा तो कभी कम तौल देते हैं।
जसवीर, सहसपुर
मंडी के कांटे पूरी तरह से ठीक है। कुछ लोगों ने किसानों में भ्रम पैदा कर दिया है। इसको लेकर किसान मंडी के कांटों पर निशुल्क तौल कराने के बजाए बाहर रुपये देकर तौल करना पसंद करते हैं। हम लोग खुद किसानों को सरकारी कांटों पर तौल कराने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
अरुण यादव, सचिव मंडी समिति