महात्मा गांधी और बुद्ध के संदेशों के प्रचार-प्रसार की बेहद जरूरत–कृष्ण मुरारी

एटा ! आज समूचे विश्व में शांति, सदभाव और सौहार्द की बेहद जरूरत है। ऐसे समय जब विश्व में साम्राज्य वादी ताकतें अपने साम्राज्य विस्तार की खातिर युद्धोन्माद को बढा़वा दे रही हैं, उस दशा में महात्मा गांधी और बुद्ध के संदेशों का प्रचार-प्रसार समय की सबसे बडी़ मांग है। इसी उद्देश्य को लेकर हम सभी साथी प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता और मैगसैसे पुरस्कार से सम्मानित भाई संदीप पाण्डेय जी के आह्वान पर साईकिल यात्रा कर रहे हैं। विगत 16 जुलाई को कानपुर स्थित आई आई टी गेट से हमने अपनी यात्रा शुरू की थी जो बिल्हौर, कन्नौज, कुसमरा, मैनपुरी, कुरावली, मलावन होकर आज एटा पहुंचे हैं। इस बीच हमने रास्ते में जगह-जगह स्कूल, सामाजिक संस्थाओं, धार्मिक स्थानों में न केवल गांधी के संदेशों का प्रचार किया व समाज में विघटनकारी ताकतों से सतर्क रहने और शांति-सदभाव से रहने की अपील भी की। उक्त विचार में होटल एसजेडी इन में संवाददाताओं के प्रश्नों के जबाव में साईकिल यात्रा का नेतृत्व कर रहे ग्राम सेवा दल के संस्थापक अध्यक्ष श्री कृष्ण मुरारी उर्फ केएम भाई ने दी। इस अवसर पर लेखक, प्रख्यात पर्यावरणविद व सामाजिक कार्यकर्ता ज्ञानेन्द्र रावत,जाने माने शिक्षाविद एवं सर्वोदय इंटर कालेज के प्रधानाचार्य व विजय मिश्रा, एडवोकेट अमित कुमार, कासगंज लोकदल के पूर्व नेता ओमप्रकाश यादव एडवोकेट, पर्यावरण कार्यकर्ता कैलाश सविता, प्रधानाचार्य मनोज तिवारी, छात्र नेता युवराज सिंह आदि समाजसेवियों, बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों, राजनैतिक दलों व स्वयंसेवी संस्थाओं के कार्यकर्ताओं, वकीलों और नवरतन शाक्य के नेतृत्व में जवाहर लाल पीजी कालेज के छात्रों की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय थी।

भाई कृष्ण मुरारी ने कहा कि आज समूचा विश्व नफरत और हिंसा की आग में झुलस रहा है। हालात यह हैं कि आज एक ओर लोग भूख और प्यास से मर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर शक्तिशाली कहे जाने वाले देश साम्राज्य विस्तार की खातिर युद्ध में जूझ रहे हैं। चार से अधिक माह से जारी रूस और यूक्रेन का युद्ध भीषण नाभिकीय युद्ध की ओर अग्रसर है। यदि ऐसा हुआ तो इसके काफी गंभीर परिणाम होंगे जिसकी कल्पना से ही रोंगटे खडे़ हो जाते हैं। दुख इस बात का है कि इस युद्ध में न केवल वेशकीमती ऐतिहासिक धरोहरों और संसाधनों का विनाश हो रहा है, सार्वजनिक संपत्तियों, प्राकृतिक संपदाएं तबाह हो गयीं हैं। इस तबाही में स्कूल, कालेज, अस्पताल, शरणगाह कोई नहीं बचा है,वहीं भयावह खाद्यान्न संकट की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। पलायन बढा़ सो अलग।दुख इस बात का है कि शिक्षा और चिकित्सा जैसे आवश्यक विषयों पर किसी का ध्यान ही नहीं है। शिक्षा और रोजगार के अभाव में नौजवान अराजकता की ओर बढ़ रहा है। इसका फायदा मौकापरस्त सांप्रदायिक ताकतें सांप्रदायिक तनाव फैलानै में उठा रही हैं। विश्व युद्ध का परिणाम हम सबके सामने है, इसलिए युद्ध तत्काल खत्म होना चाहिए। यदि युद्ध तत्काल नहीं रोका गया तो इससे होने वाले नुकसान की भरपायी सदियों में भी पूरी नहीं हो पायेगी।

पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत ने कहा कि यह हमारे जनपद के लिए बडे़ गर्व का विषय है कि इतने अहम विषय पर जनजागरण हेतु कानपुर से देश की राजधानी दिल्ली तक साईकिल यात्रा करने वाले दल का एटा वासियों को स्वागत करने का अवसर प्राप्त हुआ है। इन सभी का यह प्रयास न केवल प्रशंसनीय है बल्कि स्तुति योग्य भी है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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