SC से जौहर यूनिवर्सिटी पर आजम को मिली राहत,मांगा यूपी सरकार से जवाब

लखनऊ।इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा जौहर विश्वविद्यालय से जुड़ी जमानत की शर्त को चुनौती देने वाली समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व विधायक आजम खान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आजम को एक और बड़ी राहत दी है। शीर्ष अदालत ने रामपुर के जौहर विश्वविद्यालय के हिस्सों को गिराने की कार्रवाई पर रोक लगा दी है और उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय की जमानत की शर्त पर रोक लगा दी थी,जिसमें आजम ने रामपुर के जिला मजिस्ट्रेट को विश्वविद्यालय से संबंधित भूमि पर कब्जा करने का निर्देश दिया था।
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया खान पर लगाई गई इलाहाबाद उच्च न्यायालय की जमानत की शर्त असंगत थी और एक दीवानी अदालत के आदेश की तरह लग रही थी। शीर्ष अदालत छुट्टी के बाद मामले की सुनवाई करेगी।
आजम खान सीतापुर जेल से जमानत पर रिहा होने के कुछ दिनों बाद सोमवार को सपा विधायक के रूप में शपथ ली। आजम ख़ान के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल सुप्रीम के सामने पेश हुए। सिब्बल ने कहा कि रामपुर डीएम ने विश्वविद्यालय के भवनों को खाली करने की मांग करते हुए एक नोटिस जारी किया था और उन्हें गिराने की कोशिश कर रहे थे।
आपको बताते चलें कि हाईकोर्ट ने 10 मई को आजम खान को अंतरिम जमानत देते हुए रामपुर के जिलाधिकारी को 30 जून 2022 तक जौहर यूनिवर्सिटी के परिसर से जुड़ी शत्रु संपत्ति को कब्जे में लेने और उसके चारों तरफ कटीले तारों से चारदीवारी बनाने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा था कि उक्त कवायद पूरी होने पर आजम खान की अंतरिम जमानत को नियमित जमानत में बदल दिया जाएगा।