एटा पुलिस चार साल में पता लगा पाई थाना प्रभारी का नाम, अब होगी अर्थदंड की वसूली

RTI: एटा पुलिस चार साल में पता लगा पाई थाना प्रभारी का नाम, अब होगी अर्थदंड की वसूली

एटा में पुलिस जांच का अजब मामला सामने आया है। यहां की पुलिस को जिले के एक थाना प्रभारी का नाम पता में चार साल लग गए।
थाना कोतवाली देहात, एटा

एटा में चार साल बाद पुलिस महकमा यह पता कर सका कि 2018 में थाना कोतवाली देहात का थाना प्रभारी कौन था। आरटीआई (सूचना का अधिकार अधिनियम) के तहत एक मामले में थाना प्रभारी पर अर्थदंड लगाया गया था। वर्तमान में वह कासगंज जिले के गंजडुंडवारा थाने में तैनात हैं, जिनसे वसूली के लिए एसपी कासगंज को पत्र भेजा गया है।
सदर तहसील क्षेत्र के गांव नगला समल के रहने वाले हुकुम सिंह ने कोतवाली देहात से संबंधित सूचनाएं उपलब्ध कराने के लिए तत्कालीन थाना प्रभारी को 26 फरवरी 2018 को आरटीआई के तहत आवेदन किया। लेकिन उन्हें सूचनाएं नहीं दी गईं। पहली अपील में भी सूचना न मिलने पर आवेदक ने राज्य सूचना आयोग में अपील की।

25 हजार रुपये का लगा था जुर्माना
आयोग ने 7 दिसंबर 2018 को तत्कालीन थाना प्रभारी पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड लगा दिया। यह धनराशि तत्कालीन थाना प्रभारी के वेतन से तीन मासिक किश्तों में जमा कराई जानी थी। यह आदेश थाना प्रभारी के पदनाम से किया गया। इस बीच उनका स्थानांतरण हो गया।

पुलिस की जिम्मेदारी थी कि तत्कालीन थाना प्रभारी का पता कर जुर्माना जमा कराएं। लेकिन इसके लिए लंबे समय तक जांच चलती रही। अब जाकर पता लग पाया है कि उस समय थाना प्रभारी अनूप कुमार भारती तैनात थे।
कासगंज में तैनात हैं थाना प्रभारी
अनूप कुमार भारती वर्तमान में कासगंज जिले के गंजडुंडवारा थाना प्रभारी हैं। एटा के एसएसपी उदय शंकर सिंह ने बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत अधिरोपित अर्थदंड जमा कराने के लिए पुलिस अधीक्षक कासगंज को पत्र भेजा है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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