राम प्यारी गुर्जरी… वो वीरांगना जिन्होंने आधी दुनिया के विजेता तैमूर लंग को युद्ध के मैदान में खदेड़ा था

- राम प्यारी की वीरगाथा से पहले अमित शाह जी को धन्यवाद…. मैं अमित शाह जी का बहुत बहुत आभार व्यक्त करता हूँ उन्होंने ग़ाज़ियाबाद के लोनी में हुई सभा में वीरांगना राम प्यारी गुर्जरी का नाम लिया और उनके सम्मान में दो शब्द कहे… ये बहुत दुख की बात है कि देश की इतनी बड़ी वीरांगना को आज तक वो सम्मान नहीं दिया गया जिसकी वो हक़दार थीं… अमित शाह देश के पहले गृहमंत्री हैं जिन्होंने राम प्यारी गुर्जरी के सम्मान में दो शब्द कहकर हम सभी देशभक्तों की भावनाओं का सम्मान किया है
-राम प्यारी गुर्जरी ने उस दुर्दांत तैमूर लंग को युद्ध के मैदान से खदेड़ दिया था… जिसने तीन महाद्वीपों को छूने वाले उस्मानिया खलीफा के साम्राज्य के बादशाह की बेगमों को नंगा करके बादशाह के सामने ही नचवाया था… 1402 ईस्वी की बात है तैमूर लंग ने उस्मानिया खलीफा बायजीद की बेगमों को कैद करवा लिया था… उसने गुलाम बायजीद को शाही वस्त्र पहनवाए और फिर उसको तैमूर ने अपने साथ दरबार में बैठाया… इसके बाद बायजीद की सारी बेगमों को नंगा करवाया और फिर दरबार में उनका नाच करवाया… तैमूर लंग… बायजीद को अपमानित करने के लिए बायजीद के सामने ही बायजीद की नंगी बेगमों के साथ अश्लील हरकतें करने लगा… जिसके बाद बायजीद सिर झुका कर दरबार से निकल गया… बायजीद तैमूर से हारने से पहले एशिया… यूरोप तक फैली अपनी हुकूमत का मालिक था और वो इस्लाम को यूरोप में फैलाने का ख्वाब देख र हा था… लेकिन तैमूर जो उससे भी बड़ा मुसलमान था… 10 साल की उम्र में ही क़ुरान को कंठस्थ चुका था इसके अलावा औरतों का बहुत बड़ा शौक़ीन था… तैमूर ने पूरे उस्मानिया हुकूमत को मिट्टी में मिला दिया था
- करोड़ों लोगों का कातिल तैमूर लंग ने 1398 ईस्वी के आसपास हरिद्वार के कुंभ में लाखों हिंदुओं का कत्ल करने के बाद सहारनपुर की तरफ बढ़ रहा था… उस वक्त एक बहुत बड़ी महापंचायत बुलाई गई थी और इस महापंचायत में सभी जातियों के हिंदू देश की सुरक्षा के लिए इकट्ठा हुए थे… तैमूर की सेना के हमले को विफल करने के लिए 80 हजार की फौज बनाई गई… 40 हजार की एक फौज तब महिलाओं की भी बनाई गई थी और इस महिलाओं की सेना की कमान सँभाली थी राम प्यारी गुर्जरी ने
- उस वक्त राम प्यारी गुर्जरी की उम्र सिर्फ 20 साल थी लेकिन उनकी सेना ने तैमूर लंग की आर्मी को गाजर मूली की तरह काट कर रख दिया था… सबसे बड़ी बात ये कि इन महिलाओं ने इससे पहले कभी भी शस्त्र नहीं चलाया था लेकिन राम प्यारी गुर्जरी ने सबको शस्त्र चलाने की ट्रेनिंग दी और जल्द ही सेना को जबरदस्त हौसले के साथ तैयार कर दिया था
- वीरांगना रामप्यारी गुर्जरी का जन्म किसी बड़े नामी ख़ानदान में नहीं हुआ था वो एक साधारण परिवार की बेटी थी लेकिन बचपने से ही उनको वीरता की कहानियों को सुनने का बहुत शौक़ था । धीरे धीरे वो हथियार चलाने में सिद्धहस्त हो गई थीं और कुशल योद्धा बनीं । वो पुरुषों के वस्त्र ही पहनती थी । जब रामप्यारी गुर्जरी को युद्ध के मैदान में तैमूर लंग ने देखा तो वो हैरान रह गया था… अपनी जीवनी में तैमूर ने लिखवाया है कि उसने कभी किसी स्त्री को इतनी वीरता से युद्ध करते हुए देखा ही नहीं था । सच्चाई ये है कि औरतों को भोग विलास की वस्तु समझने वाला राक्षस तैमूर… रणचंडी का शौर्य देखकर उल्टे पाँव भागने को मजबूर हुआ था
-रामप्यारी गुर्जरी औ दूसरे महावीरों की गाथाएँ आपको जल्द ही मुहैया करवाएँगे
स्रोत- तैमूर की जीवनी मुलफुजुल-ए-तैमूरी और जनश्रुतियाँ
- मित्रों आप सभी से निवेदन है कि यूपी के चुनाव में किसी भी तरह के भ्रम में ना फँसें… रामप्यारी गुर्जरी के महान बलिदान को याद करके राष्ट्रवादियों को यूपी में विजय दिलवाइए.. हर हिंदू को संकल्प करना है कि वो कम से कम 10 लोगों को योगी जी के पक्ष में वोट ज़रूर करवाएगा