
महाभारत रूपी विधानसभा महायुद्ध एटा के चारों क्षेत्रों से कौन-कौन होगा सपा का सेनापति
एटा ज्यो-ज्यो नामांकन की तिथि नजदीक आ रही है। त्यों- त्यों समाजवादी पार्टी के सेनापतियों की धड़कनें बढ़ती जा रही है। जैसा कि आम जनमानस को पता है।कि विधानसभा रूपी महाभारत का युद्ध सात दिन में समाप्त होना है। जिसमें तीसरे दिन के युद्ध में जनपद एटा भी शामिल है।एटा में चार क्षेत्रों को क्रमश: अलीगंज से प्रधान सेनापति रामेश्वर सिंह को पुनः युद्ध की कमान सौपना लगभग तय माना जा रहा है। वहीं जलेसर विधानसभा पर कई लोगों ने युद्ध लड़ने की इच्छा जाहिर की है। जिनमें पहला नाम पूर्व योद्धा रणजीत सुमन के अतिरिक्त पूर्व विधायक स्वर्गीय अनार सिंह दिवाकर का पुत्र कुनाल दिवाकर भी चर्चा में है। कुनाल दिवाकर के अलावा पप्पू दिवाकर, सत्यवीर दिवाकर, महाराज सिंह धनगर, तहसीलदार बघेल, राजकुमारी धनगर,सौरभ धनगर, जेपी धनगर, बेबी मौर्य, हरेंद्र सिंह धनगर, शामिल है। चर्चा अनुसार रणजीत सुमन का पलड़ा भारी माना जा रहा है। वही मारहरा से पूर्व महारथी अमित गौरव यादव (टीटू) के अलावा रंजीत यादव, अनिल यादव पूर्व ब्लाक प्रमुख मारहरा,मंजीत यादव पूर्व जिला पंचायत सदस्य, विक्रांत यादव पूर्व ब्लाक प्रमुख निधौली कला, अनिल यादव जिला पंचायत सदस्य, सुभाष चंद्र यादव पूर्व जिला पंचायत सदस्य,कौशलेंद्र यादव, के अलावा कल्पना यादव भी शामिल है, यहाँ अनिल यादव पूर्व ब्लाक प्रमुख मारहरा सहित रंजीत यादव भी गणना में है। लेकिन फाइनल अमित गौरव पर ही भरोसा जताया जा रहा है। अब बारी एटा विधानसभा की है। तो यहां सारे अस्त्र शस्त्र युद्ध कला कौशल में अर्जुन के समान तेज तर्रार परम योद्धा जुगेंन्द्र सिंह यादव को प्रमुख सेनापति बनाकर बिजय का शंखनाद कराने के लिए तय माना जा रहा है।जबकि पूर्व विधायक अजय यादव, सुनील यादव सभासद, राकेश गांधी अध्यक्ष नगर पालिका एटा,जसवीर सिंह यादव,वजीर सिंह यादव पूर्व ब्लाक प्रमुख शीतलपुर, विनोद यादव जिला पंचायत सदस्य, सहित कई लोगों ने भी सपा के सिंबल माँगे है। सभी उम्मीदवारों का अगला पिछला रिकॉर्ड और सारी गुप्त जानकारियां सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्राप्त कर ली है। उन्हें हर हाल में इस युद्ध को जीतना, उनका प्रमुख लक्ष्य है। जिससे वह किसी भी प्रकार की कोई चूक नहीं करना चाहते हैं। एक-दो दिन में चारों विधानसभाओं पर नाम फाइनल किए जाने की संभावना है। इस विषय पर सैफई परिवार कोई ज्यादा रिस्क नहीं उठाना चाह रहा है। वह केवल भरोसेमंद और जिताऊ व्यक्ति को ही इस महायुद्ध के सेनापति की जिम्मेदारी सोपेगा। बरहाल सपा, भाजपा को शिकस्त देने के लिए कहीं भी किसी भी प्रकार की घेराबंदी में कमी नहीं छोड़ेगी।