
गन्ना ही नहीं तो पेराई कैसे हो, साथ मिल बंद – रिपोर्ट शुभम शर्मा
अलीगढ – कासिमपुर स्थित चीनी मिल में आई तकनीकी कमी से उभर कर मिल अपनी क्षमता से गन्ना की पेराई कर रही थी तभी अचानक से मौसम में आए बदलाव से मिल पर गन्ना पहुंचना बंद हो गया है। मिल को चलाने के लिए गन्ने की तय मात्रा समाप्त होते ही साथा चीनी मिल को मिल प्रबंधन ने नो केन के तहत रविवार की रात को अनिश्चितत काल के लिए बंद कर दिया है। तीन- चार दिन से दिन रात हो रही बूंदा- बादी के चलते खेत में गन्ना की कटाई नहीं हो पा रही थी। जिसके चलते गन्ना खरीद लगातार प्रभावित हो रही थी। मिल के बाहर यार्ड़ में गन्ना की ट्राली समाप्त होने पर मिल परिसर में मानक के अनुसार गन्ना समाप्त होते ही प्रबंधन ने रविवार की रात नो केन केे तहत मिल को शटड़ाउन कर दिया। प्रबंधन के द्वारा बताया जा रहा हैै। मौसम साफ होने के बाद ही गन्ना किसानों के द्वारा खेतों में खड़ें गन्नें की कटाई शुरू हो सकेगी, जिसके बाद मिल तक गन्ना पहुंचना शुरू हो जाएगा, इसलिए प्रबंधन ने अनिश्चित काल तक मिल को बंद करने का फैैसला लिया है। पर्याप्त मात्रा में गन्नें की आवक बढ़ते ही प्रबंधन के द्वारा मिल को लाइट अप कर दिया जाएगा। मिल चलाने के लिए कम से कम 4000 हजार कुंतल गन्ना चाहिए, लेकिन मिल में लगभग 2.500 कुंतल गन्ना पड़ा हुआ है। जिसके चलते मिल को प्रबंधन के द्वारा बंद करने का फैसला लेना पड़ा। मिल ने अब तक नौ हजार कुंतल गन्नें की पेराई कर चुकी है, जिससे अभी तक चीनी नही बन सकी है। इस सत्र में साथा चीनी मिल को शासन की तरफ से पेराई का लक्ष्य छह लाख कुंतल दिया गया है।