
एडीए ने नीलम कर दी किसान की निजी जमीन – रिपोर्ट शुभम शर्मा
अलीगढ़ – एडीए का शांति निकेतन योजना के जमीन आवंटन में बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है। विकास प्राधिकरण ने यहां पर एक किसान की निजी जमीन को ही नीलामी कर डाला। अब आवंटियों ने जमीन पर कब्जा लेना शुरू किया तो मामला उजागर हुआ। किसान ने डीएम सेल्वा कुमारी जे० व एडीए के उपाध्यक्ष गौरांग राठी के सामने न्याय की गुहार लगाई। दोनों अफसरों ने आदेश पर हुई जांच में सामने आया कि आवंटित 120वर्ग गज जमीन किसान की है, लेकिन प्राधिकरण से गलत तरीके से इसका आवंटन हुआ है। यह लापरवाही किस स्तर पर हुई है, अब इसकी जांच कराई जा रही है। जिससे संबंधित दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई हो सके। विकास प्राधिकरण ने 1995 में शांति निकेतन योजना के लिए जमीन का अधिग्रहण किया था। इसमें अजीम बख्श की भी गाटा संख्या 2595 में एक बीघा दो बिस्वा जमीन का अधिग्रहण किय है। विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी की रिपोर्ट पर इसका अधिग्रहण हुआ। अजीम बख्श ने उस दौरान एक बिस्वा (120 वर्ग मीटर) जमीन अपने निजी प्रयोग के लिए रख ली। ऐसे में प्राधिकरण ने अपने अधिग्रहण में शामिल नहीं किया। ऐसे में तब से अब तक यह जमीन ऐसे ही खाली पड़ी हुई थी। अब पिछले दिनों प्राधिकरण ने शहर की विभिन्न योजनाओं में खाली पड़े प्लाट व फ्लैट की बिक्री की है। इसमें शाति निकेतन योजना में भी कुछ प्लाट बेचे गए। इसमें अजीम बख्श की निजी 120 वर्ग मीटर जमीन को भी शाहजमाल जंगलगढ़ी निवासी कुछ लोगों को बेच दिया। अब पिछले दिनों इन आवंटियों ने जमीन पर कब्जा लेना शुरू किया तो अजीम बख्श के पुत्र मो. को इसकी जानकारी हुई कि प्राधिकरण ने उनकी निजी जमीन की भी बिक्री कर दी है। मो. सलीम इस मामले को लेकर तत्काल डीएम व उपाध्यक्ष के पास पहुंचे। दोनों अफसरों ने जांच के आदेश दिए। ओएसडी अंजुम बी को जांच की जिम्मेदारी मिली। उन्होंने क्षेत्रीय लेखपाल से इसकी रिपोर्ट मांगी। इसमें पूरे मामले का पर्दाफाश हो गया। सामने आया कि गलत तरीके से एडीए से इसका आवंटन हुआ है। वहीं एडीए विशेष कार्य अधिकारी अंजुम बी ने कहा कि, कुछ दिन पहले मामला मेरे संज्ञान में आया था। इस पर जांच भी कराई गई। इसमें सामने आया है कि जमीन किसान की निजी थी। नीलामी में इसे कैसे शामिल कराया गया, इसकी जांच कराई जा रही है।