
राजनीतिक दबाव पर सुस्त पड़ी प्रशासन की कार्यवाही- रिपोर्ट शुभम शर्मा
अलीगढ़ जिले के सभी ईंट भट्ठों पर बंदी की तलवार बीच भंवर में फंस गई है। एनजीटी ने जिला प्रशासन को पत्र भेजकर पर्यावरण, प्रदूषण, खनन के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे। प्रशासन इस पर कार्रवाई शुरू की। डीएम के निर्देश पर एडीएम वित्त एवं राजस्व विधान जायसवाल ने संबंधित भट्ठों के खिलाफ कार्रवाई के लिए तहसील स्तर पर टीमें गठित की, लेकिन अफसरों की राजनीतिक दलों के साथ बैठक हुई। ऐसे में अब कार्रवाई की धार सुस्त हो गई है। जिले में कुल 350 ईंट भट्टे संचालित हैं। अलीगढ़ के भट्ठों से दिल्ली एनसीआर के जिलों में भी ईटों की खूब आपूर्ति होती है। जिले के कौड़ियागंज क्षेत्र में ही दर्जनों भट्ठे संचालित हैं। पिछले दिनों एनजीटी ने नोएडाए, बुलंदशहर व मथुरा जिलों में भट्ठों के संचालन को लेकर सख्ती कर दी है। अब बीते दिनों झम्मनलाल गौतम नाम के व्यक्ति ने भी एनजीटी में अलीगढ़ के भट्ठों को लेकर याचिका दायर की। इस पर अब एनजीटी की तरफ से जिला प्रशासन को इस आदेश को लागू कराने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। तहसील स्तर पर एसडीएम ए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी, जिला पंचायत के एएमए व खनन अधिकारी की संयुक्त टीम गठित की गई है। इस टीम ने कार्रवाई शुरू की। पांच भट्ठों को सील भी किया गया। इसके बाद सभी भट्ठा संचालक एकत्रित होकर जनप्रतिनिधियों के पास पहुंच गए। यहां पर प्रशासनिक कार्रवाई से अवगत कराया। इसके बाद सभी जनप्रतिनिधि भट्ठा संचालकों को लेकर डीएम के पास पहुंचे। यहां पर बैठक हुई। इसमें तय हुआ कि किसी भी भट्ठा संचालक को परेशान न किया जाए। नियमों के उल्लंघन पर ही कार्रवाई होग। कुछ दिन के लिए कागजात बनाने का मौका दिया जाए। इसके बाद से कार्रवाई की धार सुस्त हो गई हैं। अब न तो ीाभट्ठों की जांच हो रही हैं और न ही ही कोई कार्रवाई। एडीएम वित्त विधान जायसवाल ने बताया कि कार्रवाई के लिए टीमें गठित हैं। तहसील स्तर से ही कार्रवाई होनी है।