
बेसहारा गोवंश दुर्दशा, बढ़ती ठंड और चारे का अभाव – रिपोर्ट शुभम शर्मा
अलीगढ़ – जवां में सरकार द्वारा गौशालाओं में बेसहारा गोवंश के पोषण हेतु सरकारी सहायता देने के बावजूद गोवंश की हो रही दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। अभी भी रोजाना बड़ी संख्या में गोवंश चारे के अभाव में दम तोड़ रहा है। आल इंडिया रेडियो स्टेशन में बनाई गई अस्थाई गौशाला में करीब 2000 गोवंश मौजूद है। जिसमें करीब 500 गोवंश को टैग भी लग चुके हैं। अब ऐसी कौन सी समाज सेवी संस्था है जो 500 की जगह 2000 गोवंश का पेट भर सके। अव्यवस्था की बात करें तो गोवंश को आराम करने के लिए कोई टीन शेड नहीं है। पानी के लिए पक्की नालियां हैं लेकिन समर पंप की मोटर चोरी हुए एक वर्ष बीत गया आज तक नहीं लगी है। गोवंश को पानी पीने के लिए गड्ढा खोदे गए हैं जिसमें गिरकर गोवंश मर रहा है। गोवंश के छोटे-छोटे बछड़ों को कुत्ते नोच कर खा रहे हैं। रेडियो स्टेशन की बाउंड्री में से निकल कर गोवंश सड़क पर चला जाता है यहां रोजाना दुर्घटनाएं हो रही हैं।जब इस संबंध में ज़िला गौरक्षा प्रमुख अजय ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सरकार गोवंश की रक्षा के लिए पूरी तरह से कमर कसे हुए है, लेकिन संबंधित अधिकारियों की उदासीनता के कारण गोवंश की दुर्दशा हो रही है। हाल ही में एक गौशाला के व्यवस्थापक ने सरकार को अल्टीमेटम भी दिया था कि अगर गौशाला में चारे की पूर्ण व्यवस्था नहीं की गई तो वह गोवंश को सड़कों पर छोड़ देंगे। विश्व हिंदू परिषद के जिला उपाध्यक्ष अरुण तोमर का कहना है कि अगर गोवंश को सुरक्षित रखना है तो सरकार को गौशालाओं के लिए पूरा पैसा देना होगा। गौशाला मैं 2,000 से अधिक गोवंश है लेकिन पैसा केवल 400 गोवंश का मिल रहा है। 6 माह से चारे का एक पैसा भी नहीं दिया गया है आखिर कैसे व्यवस्था हो।