चित्रकूट एकता महाकुंभ में धर्माचार्यों ने कहा कलयुग में एकता की शक्ति है, इसलिए हमें अहंकार, स्वार्थ छोड़ हिंदू एकता के लिए काम करना पड़ेगा

चित्रकूट एकता महाकुंभ में धर्माचार्यों ने कहा कलयुग में एकता की शक्ति है, इसलिए हमें अहंकार, स्वार्थ छोड़ हिंदू एकता के लिए काम करना पड़ेगा

जगदगुरू रामभद्राचार्य एवम साध्वी रितंभरा ने महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए आचार्य रामचन्द्र दास एवम संजय पाठक की मंच से की प्रशंसा
कटनी । मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की संकल्प भूमि पौराणिक एवं ऐतिहासिक तीर्थ स्थल चित्रकूट में ‘चाहे पंथ अनेक हों, हम सब हिंदू एक हों’ के लक्ष्य को लेकर हिन्दू एकता महाकुम्भ का आज आयोजन हुआ जिसमें संपूर्ण भारत से आए साधु संत के साथ साथ पांच लाख भारतवासीयों ने मिलकर हिंदुत्व का उत्सव मनाया और कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों और हिन्दू धर्म के विद्वानों से हिंदुत्व का सार जान जनसंख्या नियंत्रण कानून, लव जिहाद, जैसे महत्वपूर्ण विषयों सहित हिंदू आस्था से जुड़े 12 महत्वपूर्ण बिंदुओं की चर्चा की है। हिंदू एकता महाकुम्भ कार्यक्रम में सर्व प्रथम उपस्थित संत महात्माओं का आयोजक मंडल की तरफ से आचार्य रामचंद्र दास जी(जय महाराज)एवम कार्यक्रम के प्रधानसेवक विजयराघवगढ़ कटनी विधायक संजय सत्येन्द्र पाठक ने स्वागत अभिनंदन किया।
चित्रकूट में हिंदू एकता महाकुंभ को संबोधित करते हुए अनेकों महंतों ने विषयों पर मंथन के पश्चात हिंदू समाज के संगठित होने को लेकर अपने अपने विचारो रखा कहा कि कलयुग में एकता की शक्ति है, इसलिए हमें अहंकार, स्वार्थ छोड़कर काम करना पड़ेगा.
महाकुंभ में श्री भागवत ने हिंदू संस्कृति के संरक्षण और हिंदू धर्म से गए लोगों की घरवापसी के लिए लिए संकल्प दिलाया
आरएसएस चीफ ने महाकुंभ में मौजूद लोगों को संकल्प दिलाते हुए कहा कि हिंदू धर्म छोड़कर गए भाई-बहनों की घर वापस कराएं और उन्हें अपने परिवार का हिस्सा बनाएं. साथ ही अब किसी भी हिंदू को धर्म से विमुख नहीं होने दें. इस दौरान उन्होंने धर्माबलंबियों को हिंदू बहनों की अस्मिता और सम्मान की रक्षा करने की भी प्रतिज्ञा दिलाई.
हिंदू एकता महाकुंभ में जगदगुरू रामभद्राचार्य महाराज ने इस महाकुंभ के सफल आयोजन के संकल्प को मेरी दो आंखों के समान शिष्यों मेरे उत्तराधिकारी रामचन्द्र दास(जय महाराज) एवम संजय पाठक ने पूरा करने में अथक परिश्रम किया है उन्होंने आगे कहा कि हमने हिंदुओं के हितों की शुरुआत कर दी है. A से अयोध्या, K से काशी के बाद अब M से मथुरा की बारी है. इस आयोजन में हिंदुओं के साथ हो रहे अन्याय, मठ मंदिर की सुरक्षा, धर्मांतरण पर रोक, जनसंख्या नियंत्रण, राष्ट्रवाद और समान नागरिक संहिता, लव जिहाद, गोरक्षा, सामाजिक समरसता जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई.साध्वी रितंभरा जी ने भी मंच से आचार्य रामचन्द्र दास एवम प्रधान सेवक संजय पाठक की प्रशंसा की । कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन करते हुए महाकुंभ आयोजन के प्रधानसेवक विधायक संजय सत्येन्द्र पाठक ने देश के अलग अलग क्षेत्रों से आए संत महात्माओं महामंडलेश्वरों के साथ साथ संघ प्रमुख मोहन भागवत जी एवम सनातनधर्म मानने वाले सभी आनंतुको का धर्म को नई दिशा विचार देने आने के लिए आभार व्यक्त किया ।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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