गोद भराई कर समझाया पुष्टाहार का महत्व
एटा,

गर्भवती के पोषण स्तर को बेहतर बनाने के उद्देश्य से मंगलवार को जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर गर्भवती की गोद भराई की रस्म की गई। कार्यक्रम के दौरान गर्भवती व परिवारजनों को पोषक आहार वितरण करने के साथ बेहतर पोषण और प्रसव पूर्व जांच के बारे में जानकारी दी गई।
जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि गोद भराई कार्यक्रम को लेकर विभाग का उद्देश्य महिलाओं में पोषण को लेकर जागरूकता बढ़ाना है। गर्भावस्था में खानपान का हमेशा ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान गर्भवती और उनके परिवार के बड़े सदस्यों को योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। इस अवसर पर 830 महिलाओं की गोद भराई की गई। इसके साथ ही पौष्टिक आहार भेंट कर गोद भराई की रस्म अदा की गई। उन्होंने बताया कि पुष्टाहार से बने व्यंजनों से गर्भवती और बच्चों को सारे पौष्टिक तत्व प्राप्त होते हैं, जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है। गर्भवती द्वारा पुष्टाहार के सेवन से आयरन, कैल्शियम, विटामिन की कमी नहीं होती है। आयोजन में गर्भवती को गर्भावस्था के दौरान समय से जांच कराने, आयोडीन युक्त नमक का प्रयोग करने, आयरन की गोली का नियमित सेवन करने, प्रसव के एक घंटे के अंदर पीला गाढ़ा दूध नवजात को पिलाए जाने, प्रसव सिर्फ संस्थागत कराने की सलाह दी गई। इसके अलावा खाद्य विविधता के विषय में बताया गया, प्रतिदिन 5 खाद्य समूह लेने से गर्भवती के पोषण स्तर में सुधार होता है।
बाल विकास परियोजना पदाधिकारी संध्या चौहान ने बताया कि आंगनवाड़ी केंद्र चाठी प्रथम व द्वितीय पर गोद भराई दिवस के दौरान छह माह की गर्भवती लाभार्थी अन्नू, चार माह की गर्भवती लाभार्थी कैला देवी की गोद भराई की गई। केंद्र पर आंगनवाड़ी वंदना, आंगनवाड़ी नीरज, सहायिका जयवंती व उषा देवी द्वारा विधिवत पूजा व मंगल गीत के साथ गोद भराई की रस्म की। लाभार्थी का माला पहनाकर स्वागत किया गया। साथ ही आंगनवाड़ी केंद्र पर गुलाल से रंगोली बनाकर पोषाहार के बारे में बताया गया।
लाभार्थी अन्नू निवासी मारहरा ने बताया कि गोद भराई दिवस पर मंगल गीत के साथ उनकी गोद भराई की गई। उन्हें पोषाहार के विषय में समझाया गया व उन्हें उपहार के रूप में पोषण की पोटली दी गई है, जिसमें गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली व फल आदि शामिल हैं ।