
“जयपूर राजस्थान की विशाल रॅली मे राहुल गांधी ने एक उच्चं कोटी के दार्शनिक की तरह भाषण दिया है”
विवेकानंद से लेकर महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गाँधी भी सनातनी हिंदु धर्म को भारत की संस्कृती मानते थे.
राहुल गाँधी ने ठीक उसी तरह हिंदु संस्कृती की परिभाषा दी है. जिस तरह विवेकानंद ने शिकागो में दी थी. भारत का हर सच्चा हिंदु प्राचीन सनातन धर्म को मानता है. जिसमे हर धर्म और पंथ का सम्मान करना सिखाता जाता है.
2014 के बाद जबसे RSS/BJP की सत्ता आई है, देश मे फर्जी राष्ट्रवाद का जाल फैलाकर देश की प्राचीन सनातनी हिंदु संस्कृती को नष्ट करके नकली भेदभाव वाली सावरकर प्रणित हिंदुत्ववादी राष्ट्र की अलगाववादी निती को दहशतवाद का सहारा लेकर स्थापित करने की कोशिश की जा रही है.
जयपुर राजस्थान की विशाल रॅली में राहुल गाँधी ने दार्शनिक की तरह समझातें हुये साबित किया की प्राचीन सनातनी हिंदु संस्कृती का सबसे बड़ा असली हिंदू तो महात्मा गाँधी थे. महात्मा गांधी कहते थे-
“साप्रदायिकता का मुझ में लेश मात्र भी अंश नहीं है. क्योंकि मेरा धर्म सनातन धर्म है. सनातन धर्म एक विशाल सागर है. जिसमे दुनिया के सभी धर्म समाने के बाद भी अपना स्वतंत्र अस्तित्व नहीं खोते है. जिस धर्म मे असत्य हो वो तो सनातन हो ही नही सकता है. सनातन और सत्यता एक दूसरे के पूरक है”
“सत्यम शिवम सुंदरम” की व्याख्या मे सनातन संस्कृती का धर्म समझ आ जायेंगा. आज जो लोग संघी भाजपाई लोग जिस हिंदुत्व को धर्म धर्म बोल रहे है. वो सिर्फ अलगाववाद, दहशतवाद के जरीयें एक दुसरे समुदाय मे नफरत और भेदभाव के बीज बोने वाला झूठा राष्ट्रवाद है. महात्मा गांधी जिन्होने अपना पूरा जीवन सत्य, अहिंसा और प्रेम के बीज बोने मे बिता दिया था. राहुल गांधी उसी सत्य की तरफ लौटे है जँहा से कांग्रेस शुरू हुई थी. गाय और बछड़े वाली कांग्रेस के मूल में सहज सरल प्रेम था. विवेकानंद ने जिस सनातनी धर्म की व्याख्या की थी. राहुल गांधी ने उसी सनातनी संस्कृती की की अपने भाषण याद दिलाई है. राहुल गांधी का भाषण भारत की राजनीति मे परिवर्तन बिंदु है.