चारो बसपा नेता सपा में होंगे शामिल जिसमें सपा को पूर्वांचल में बड़ी संजीवनी मिलेगी

कल 12 दिसम्बर को पूर्वांचल के असरदार ब्राह्म्ण चेहरे पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिशंकर तिवारी उनके दोनों बेटे विधायक विनय तिवारी व पूर्व सांसद कुशल तिवारी और विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर चारो बसपा नेता सपा में होंगे शामिल जिसमें सपा को पूर्वांचल में बड़ी संजीवनी मिलेगी

राजनीतिक वर्चस्व की जंग, विनयशंकर तिवारी चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र से बसपा विधायक, बड़े बेटे भीष्म शंकर तिवारी खलीलाबाद लोकसभा क्षेत्र से दो बार सांसद रहे और भतीजे गणेश शंकर पांडे विधान परिषद के उपसभापति रहे
पंकज पाराशर छतरपुर
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को ठाकुर समर्थक और ब्राह्म्ण विरोधी सबित करने में जुटी समाजवादी पार्टी को पूर्वांचल में बड़ी संजीवनी मिली हैं । पूर्वांचल के बाहुबली और असरदार ब्राह्म्ण चेहरे हरिशंकर तिवारी समर्थको समाजवादी पार्टी के साथ हो गए है l बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने उन्हें निष्कासित कर दिया है। हरिशंकर तिवारी के बेटे और गोरखपुर के चिल्लूपार सीट से विधायक विनय शंकर तिवारी, बड़े बेटे और पूर्व सांसद कुशल शंकर तिवारी सहित भतीजे गणेश शंकर पांडे को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इन सभी के बीते दिनों समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव से मिलने और दलबदल की बातें सामने आयी थीं।
तिवारी परिवार के बसपा से बाहर होने के बाद पार्टी के ब्राह्म्णों को जोड़ने की मुहिम को बड़ा धक्का लगा है, वहीं समाजवादी पार्टी को पूर्वांचल में मुख्यमंत्री योगी के विरोध में एक बड़ा नाम मिल गया है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में हरिशंकर तिवारी का कुनबा समर्थक समाजवादी पार्टी में दिखेगा और पूर्वांचल में प्रचार करेगा।
समाजवादी पार्टी को पूर्वांचल में होगा फायदा
ब्राह्म्ण बनाम ठाकुर की राजनीति में फंसी भाजपा के लिए तिवारी परिवार का समाजवादी पार्टी में जाना परेशानी का सबब हो सकता है। समाजवादी पार्टी के पास पूर्वांचल में कोई असरदार ब्राह्म्ण चेहरा नहीं था। पूरे पूर्वांचल में योगी के ठाकुर कार्ड के खिलाफ ब्राह्म्णों की लामबंदी सपा, बसपा से लेकर कांग्रेस तक कर रहे हैं। बसपा के पास जहां तिवारी जैसा चेहरा था, वहीं समाजवादी पार्टी के पास इस तरह का कोई बड़ा नाम नहीं था। हरिशंकर तिवारी का परिवार समाजवादी पार्टी में आने से उसे न केवल पूर्वांचल में मजबूती मिलेगी, बल्कि मध्य यूपी में भी ब्राह्म्णों के बीच अपनी पैठ बनाने में फायदा मिलेगा।
हरिशंकर तिवारी जाना पहचाना और प्रतिष्ठित चेहरा
हरिशंकर तिवारी परिवार के समाजवादी पार्टी के साथ होने का असर गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बस्ती, संत कबीरनगर, महराजगंज, बलिया, सिद्धार्थनगर से लेकर गोंडा और बलरामपुर की सीटों पर पड़ सकता है। इन जिलों में ब्राह्म्णों के बीच हरिशंकर तिवारी जाना पहचाना और प्रतिष्ठित चेहरा हैं। योगी सरकार में खुद के और पूरे ब्राह्म्ण समाज के उत्पीड़न का मुद्दा उठा कर वह भाजपा के लिए परेशानी खड़ी करेंगे। खुद परिवार के सदस्य कम से पूर्वांचल की तीन सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं। पूर्वांचल के बाहुबली हरिशंकर तिवारी बड़े ब्राह्म्ण चेहरे के तौर पर जाने जाते हैं। उनके परिवार में खुद हरिशंकर तिवारी कई बार विधायक और राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं तो वर्तमान में छोटे बेटे विनयशंकर तिवारी चिल्लूपार विधानसभा सीट से बसपा विधायक हैं। बड़े बेटे भीष्म शंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी पूर्वांचल की खलीलाबाद सीट से दो बार सांसद रह चुके हैं और 2014 और 2019 में बसपा के टिकट पर हार कर दूसरे स्थान पर रहे हैं।
भाजपा को कई सीटों पर परेशानी होगी
बीते डेढ़ दशक से विनयशंकर तिवारी और कुशल तिवारी बसपा में रह कर पूर्वांचल में ब्राह्म्णों को जोड़ने की मुहिम में लगे थे। वर्तमान में पूरे गोरखपुर जिले से विनय शंकर तिवारी विपक्ष के इकलौते विधायक हैं। हरिशंकर तिवारी के भतीजे गणेश शंकर पांडे विधान परिषद के उपसभापति रह चुके हैं ।।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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