कुल्हाड़ी के द्वारा धड़ से गर्दन को काट कर अलग करके हत्या करने वाले सनसनीखेज अपराध के आरोपीगण को आजीवन कारावास की सजा

कुल्हाड़ी के द्वारा धड़ से गर्दन को काट कर अलग करके हत्या करने वाले सनसनीखेज अपराध के आरोपीगण को आजीवन कारावास की सजा

जबलपुर । मध्यप्रदेश राज्य की ओर से अभियोजन अधिकारी गणेश पाण्डेय ने अभियोजन का संचालन किया
थाना अमदरा के चिन्हित सनसनीखेज अपराध कमांक 93/2019 अंतर्गत 302 भा.द.वि. के अपराध में आरोपी 1. स्व रूप सिंह उर्फ पंजीलाल सिंह पिता ज्ञान सिंह उम्र 30 वर्ष एंव 2. अशोक सिंह पिता मुन्ना सिंह उम्र 34 वर्ष दोनो निवासी ग्राम टिसकिली कला ,थाना अमदरा को सत्र प्रकरण क्र. 132/2019 में प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्री प्रशांत कुमार शुक्ला , मैहर के न्यायालय द्वारा आज दिनांक 27.11.2021 को दोषसिद्ध पाते हुए उक्त दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास एंव 20000-20000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया ।
घटना वृतान्त
अभियोजन मामला संक्षेप मे यह था कि सूचनाकर्ता अशोक यादव का बड़ा भाई मृतक संजू यादव दिनांक 21/03/2019 को सुबह 11 बजे से अपने खेत पर रखवाली के लिए बनाई गई मडई पर नहीं था न ही घर आया था. जिसके संबंध में दिनांक 22/03/2019 को मृतक की पत्नी मोम बाई द्वारा गुम इंसान की सूचना प्रदर्श पी-23 एवं प्रदर्श पी-24 लेख कराई गई। दिनांक 23/03/2019 को तलाश करने पर सुबह समय करीब 08:30 बजे सूचनाकर्ता के भतीजा मनोज यादव एवं हरिशरण यादव ने आवाज देकर सूचनाकर्ता को बुलाया तो वह दौड़कर गया और देखा कि रामप्रसाद यादव के गेहूं के खेत में उसके भाई संजू यादव का मृत शरीर था जिसका सिर नहीं था एवं सिर लगभग 10 कदम की दूरी पर पड़ा था और खेत की मेड़ पर भी खून था एवं मृतक की माला भी खून से लथपथ वहीं पड़ी थी। अज्ञात लोगों द्वारा संजू की गला काटकर हत्या कर दी थी एवं गेहूं के खेत में शरीर व सिर छिपा दिया था। सूचनाकर्ता द्वारा दी गई सूचना के आधार पर देहाती नालसी एवं मर्ग इंटीमेशन प्रदर्श पी-1 एवं प्रदर्श पी-2 लेख की गई जिसके आधार पर थाना अमदरा के अपराध कमांक 93 / 2019 की प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रदर्श पी-29 एवं मर्ग इंटीमेशन कमांक 19 / 19 प्रदर्श पी-27 लेख की गई।
मौके से खून आलूदा एवं सादी मिट्टी, माला एवं मृतक का जूता जप्त कर जप्ती पत्रक प्रदर्श पी-10 लगायत प्रदर्श पी-13 बनाया गया। विवेचना में मृतक के शव से संबंधित पंचायतनामा प्रदर्श पी-3 एवं प्रदर्श पी-4 बनाया गया। मृतक का शव परीक्षण कराया जाकर रिपोर्ट प्रदर्श पी-40 प्राप्त की गई नक्शा मौका एवं नजरी नक्शा प्रदर्श पी-5, प्रदर्श पी-6 एवं प्रदर्श पी-7 बनाया गया। विवेचना में आरोपीगण स्वरूप सिंह एवं अशोक सिंह द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर मेमोरेण्डम प्रदर्श पी-14 एवं प्रदर्श पी-15 लेख किया गया जिसमें आरोपीगण ने मृतक की हत्या किये जाने एवं अपराध में प्रयुक्त कुल्हाडी एवं खून लगे कपड़े आदि की जानकारी दी जिसके आधार पर कुल्हाड़ी एवं आरोपीगण के कपड़े एवं चप्पल जप्त कर जप्ती पत्रक प्रदर्श पी-16 लगायत प्रदर्श पी-18 बनाया गया। आरोपीगण को गिरफ्तार कर गिरफ्तारी पंचनामा प्रदर्श पी-19 एवं प्रदर्श पी-20 बनाया गया। विवेचना के अनुक्रम में शव परीक्षण उपरांत मृतका के आंतरिक अगों को चिकित्सालय से प्राप्त कर जप्ती पत्र प्रदर्श पी-28] बनाया गया तथा रासायनिक विष की जाच क्षेत्रीय न्यायिक विज्ञान प्रयोगशाला से कराई गई जहा से रिपोर्ट प्रदर्श पी-49 प्राप्त हुई जिसमें मृतक के बिसरा में रासायनिक विष होना नहीं पाया गया। घटनास्थल से जप्तशुदा वस्तुओं तथा आरोपीगण के कपड़ों, कुल्हाडी एवं मृतक के कपड़ों पर लगे खून के संबंध में राज्य न्यायिक विज्ञान प्रयोगशाला सागर से डी०एन०ए० प्रोफाईल की जांच भी कराई गई जिससे संबंधित रिपोर्ट प्रदर्श पी-50 प्रस्तुत की गई है जिसमें मृतक के कपड़ों पर प्राप्त डी०एन०ए० प्रोफाईल आरोपीगण के कपड़ों तथा कुल्हाड़ी पर एक समान डी०एन०ए० प्रोफाईल होना प्रतिवेदित हुई है। साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किये गये एवं बाद आवश्यक अनुसंधान अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया।
दिनांक 25/04/2019 को अभियोग पत्र प्रस्तुत होने पर विद्वान न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रथम श्रेणी मैहर द्वारा दाण्डिक प्रकरण कमांक-258/2019 पंजीबद्ध किया गया। मामला सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय होने के कारण मामले को विचारण हेतु माननीय सत्र न्यायाधीश महोदय सतना को उपार्पित किया गया। उपार्पण के उपरांत यह सत्र प्रकरण कमांक 132/2019 पंजीबद्ध किया गया तथा मामले को विचारण हेतु माननीय सत्र न्यायाधीश महोदय सतना द्वारा न्यायालय को अंतरित किया गया।
आरोपीगण के विरुद्ध भा.दं.वि. की धारा-302, 302 सहपठित धारा-34 एवं धारा-201 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध का आरोप विरचित कर आरोपीगण को पढ़कर सुनाये व समझाये जाने पर आरोपीगण ने अपराध अस्वीकार किया तथा उनका विचारण प्रारंभ किया गया। द.प्र.सं. की धारा-313 के अंतर्गत आरोपीगण का परीक्षण किये जाने पर आरोपीगण ने व्यक्त किया कि उन्हें रामबहादुर यादव और ज्वाला यादव ने चुनावी रंजिश के कारण पुलिस से मिलकर झूठा फंसाया है । अभियोजन के द्वारा कुल 13 अभियोजन साक्षी प्रस्तुत किये गये थे और कुल 50 दस्तावेज प्रदर्शित कराये गये एंव कुल 02 आर्टिकल न्यायालय के समक्ष पेश किये गये थे । हत्या का हेतुक आरोपीगण का मृतक से पूर्व का विवाद था ।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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