मेडिकल कालेज की साढ़े तीन सौ कार्मिकों की भर्ती पर भृष्ट सिंडिकेट की गिद्ध नजर..!
*आउट सोर्सिंग एजेंसी ‘अवनि परिधि’ से भर्ती का एग्रीमेंट कर पद के हिसाब से बसूली की चर्चा जो
रों पर
*अपनो को पद बांटने की तैयारी पहले भी सगे सम्बन्धियो को पदों पर बैठाने में कामयाब रहा है भृष्ट सिंडिकेट
*बाँदा से सम्बद्ध किये गये डॉ कौशल की देख रेख में स्थानीय क्लर्क के सहयोग से भर्ती घोटाले की तैयारी।
मीडिया ग्रुप का एक और सनसनीखेज खुलासा

एटा। प्रधानमंत्री मोदी मुख्यमंत्री योगी के अति महत्वाकांक्षी उपलब्धियों की जीवंत महल एटा मेडिकल कालेज अपनी शैशवावस्था में ही भ्र्ष्टाचार के गर्त में डूबता जा रहा। कालेज के प्रिंसिपल की अनदेखी या कहें कमाऊ पूतो को खुला प्रश्रय देने के कारण नित नए हथकंडों से भ्र्ष्टाचार की परत दर परत सामने आ रही हैं। स्थानीय मीडिया ग्रुप ने सुविज्ञ सूत्रों के हवाले से चौकाने बाली जानकारी जुटा कर सार्वजनिक की है जिससे लगता है फिलहाल मेडिकल कालेज करोड़ो की कमाई का माध्यम बनता जा रहा। एमबीबीएस की अभी पढ़ाई एवं प्रवेश शुरू नही हुये फिर भी शहर से दूर बने इस मेडिकल कालेज में का बाहर से आई फर्मो एजेंसीज का जमावड़ा लगा रहता जहां सर्वाधिक सीनियर डॉक्टर सर्वेसर्वा डॉ कौशल से को लोग पूंछते हैं अकेले बात करते हैं। पता चला मेडिकल कालेज में फार्मासिस्ट,बाबू, लेखाकार, स्टाफ नर्स, स्वीपर, आया,लैब टेक्नीशियन, ओटी टेक्नीशियन आदि की लगभग 350 भर्ती होनी है। जो जैम पोर्टल पर रजिस्टर्ड आउट सोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से होनी है जिसका एग्रीमेन्ट अवनि परिधि नामक संस्था से अक्टूबर में हुआ है नियमनुसार अनुबंधित संस्था आन लाइन आवेदन अपनी बेव साइट अखबारों में प्रचारित कर मांगेगी परन्तु इस तरह की कोई सूचना प्रकाशित नही की है। सूत्र बता रहे हैं डॉक्टर कौशल के निर्देशन में आधा दर्जन मेडिकल कालेज के कर्मी भर्ती को लेकर बसूली के लिये लगाए गए हैं अवनि परिधि के संचालको से सम्पर्क में है बताते है प्रत्येक पद के लिये मोटी रकम बसूली जाने लगी इसमे स्थानीय क्लर्क की भूमिका प्रमुख है बताते है इसने पहले हुई नियुक्तियों में अपने सगे सम्बन्धी आउट सोर्सिंग एजेंसी की मिलीभगत से पहले भी नियुक्त कराए थे। अब पुरानी परिपाटी पर सैकड़ो की भर्ती की तैयारी है। गौरतलब है प्रधानमंत्री मोदी एवम मुख्य मंत्री योगी की एलानिया नीति रही है कि मेडिकल कालेज में स्थानीय लोगो को वरीयता मिलेगी परन्तु मेडिकल कालेज भृष्ट सिंडिकेट ने सरकार की नीति से उलट बाहरी लोगों की भर्ती की तैयारी कर ली है मजे की बात तो यह इन भर्तियों का ग्रीन सिंग्नल अभी अक्टूबर में दिया गया परन्तु पिछले 4 महीनों से इन भर्तियों के नाम पर खूब आवेदन बिके और स्थानीय दलालों ने मोटी रकम बसूली। इस फेक गति विधि पर मेडिकल कालेज का प्रशासन मौन साधे रहा। सूत्रों ने बताया भर्ती में बसूली की सूचना जिला प्रशासन को दी गई जिस पर चर्चा है डीएम अंकित अग्रवाल ने आउट सोर्सिंग एजेंसी से बात कर निष्पक्ष तरह से प्रशासनिक देखरेख में भर्ती के लिये कहा है।
अपने प्रारम्भिक चरण में भृष्ट गतिविधियों का केंद्र बन कर उभर रहे मेडिकल कालेज ने जिले के माननीयों की प्रतिष्ठा को धूमिल कर दिया है। क्योंकि भाजपा शासन काल मे मेडिकल कालेज की बड़ी उपलब्धि 63 साल बाद मिली जिसका बखान करते भाजपा सांसद,विधायक नही थकते अब देखना भ्र्ष्टाचार में तब्दील होते जा रहे मेडिकल कालेज की दशा और दिशा सुधारने में माननीय कितनी दिलचस्पी लेते है..??