
आधार कार्ड नहीं तो खतौनी दिखाकर मिलेगा डीएपी खाद – रिपोर्ट शुभम शर्मा
अलीगढ़ – डीएपी खाद का वितरण आधार कार्ड में स्थानीय पता देखकर किया जा रहा है। आधार कार्ड न होने या आधार कार्ड में स्थानीय पता न होने पर किसानों को डीएपी खाद नहीं मिल पा रहा है। ऐसे भी किसान हैं, जो खेती यहां कर रहे हैं और आधार कार्ड में दूसरे जिले का पता है। ऐसे सभी किसान खतौनी दिखाकर डीएपी खाद ले सकेंगे। जिला कृषि अधिकारी ने सभी दुकानदारों को इस संबंध में निर्देश दिए हैं।डीएपी खाद की मांग अचानक बढ़ गई है। बिक्री केंद्रों पर किसानों की लंबी कतार लगी रहती है। दूसरे जिले के किसान भी कतार में लग जाते हैं। जबकि, स्थानीय किसानों को ही डीएपी व अन्य उर्वरक वितरण करने के निर्देश हैं। जिला कृषि अधिकारी डा. रामप्रवेश ने बताया कि ऐसा देखने में आया है कि यहां खेतीबाड़ी कर रहे कुछ किसानों के आधार कार्ड में पता दूसरे जिले का है। ये किसान कभी दूसरे जिलों में रहे होंगे और कार्ड बनवा लिया होगा। ऐसे किसान खतौनी दिखाकर उर्वरक ले सकते हैं। दुकानदारों को निर्देशित किया गया है कि किसानों पर आधार कार्ड नहीं है या फिर दूसरे जिले का पता अंकित है तो खतौनी देखकर खाद दे दिया जाए। खतौनी से स्थानीय पता स्पष्ट हो जाएगा। स्थानीय किसानों को ही डीएपी व अन्य खाद देने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि जनपद में डीएपी की कमी नहीं है। 2716 मीट्रिक टन डीएपी व 1395 मीट्रिक टन एनपीके खाद उपलब्ध है। 2500 मीट्रिक टन इफको कंपनी का डीएपी खाद चार नवंबर तक मिलने की संभावना है। उसके बाद जिले में खाद की मात्रा और भी बढ़ जाएगी। सभी किसानों को जरूरत के मुताबिक खाद मिल सकेगा। उन्होंने किसानों से अपील है कि खेती में खाद का अंधाधुंध इस्तेमाल न करें। इससे खेत की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है