दिवाली पर बड़े अफसरों को “खुश” करने के नाम पर काली कमाई के दम पर पहुंचाए गये खुशियों के पैकेट

एटा

दिवाली पर बड़े अफसरों को “खुश” करने के नाम पर काली कमाई के दम पर पहुंचाए गये खुशियों के पैकेट
*आधा दर्जन विभागों में खूब चला यह खेल
*कॉनट्रेक्टरों अवैध कारोबारियों विभाग के कमाऊ पूतो से जम कर हुई दिवाली की खुशी की वसूली
एटा। यूँ तो मुख्य दीपावली पर्व पर विभागीय अफसरों को अपने घर जाने की जल्दी रही पर इस बीच अपने वरिष्ठ अफसरों को दिवाली के तोहफे बढे बड़े मिठाई के पैकेट के साथ नगदी देना नही भूले पूरे दिन अफसरों के कार्यालयों एवं आवासीय कोठियो पर अधीनस्थों का तांता लगा रहा। सर्वाधिक अग्रणी भूमिका इस रस्म अदायगी में पुलिस विभाग ने निभाई। अलग अलग हलकों के अफसरों ने अलग अलग टारगेट बना कर काली कमाई में संलग्न अवैध कारोबारियों से अपने टारगेट पूरे कराए दिन भर मिठाई के सजे सजाए डिब्बों एवं पैकीटो को भर कर सरकारी गाड़ियां दौड़ती रही। उधर खाद्य विभाग ने तो और अधिक बढ़ चढ़ कर भूमिका निभाई अपने अफसरी अधिकारों का डर दिखा कर मिठाई मार्किट से खूब नगद उगाही के साथ मिठाई के पैकेट एकत्रित किया कहाँ दिए किनके लिये यह राज तो वही जाने अनेकों मिठाई बिक्रेताओं ने दबी जुबान से इस मिठाई बसूली की चर्चा सम्वाद सूत्रों से की है। अनेक विभागों के विभागाध्यक्षो ने दिवाली ‘खुशी’ और तोहफों के नाम पर चंदा एकत्रित किया ताकि उनके निकटम बड़े अफसरों को खुश किया जा सके।
दीपावली पर गिफ्ट कल्चर के साथ बड़े अफसरों को नगदी के लिफाफे देने की कार्य संस्कृति पिछले कुछ वर्षों से खूब फली फूली है स्थानीय मीडिया में जब आज इस मुद्दे पर चर्चा हुई तो सभी ने अचरज जताया। शायद मीडिया अफसरों के कार्यालयों एवं कोठियों की तरफ फर्राटा भरती विभागीय सरकारी गाड़ियों को प्रशसनिक सक्रियता के रूप में देखता रहा होगा। शाबास उन उत्साही मीडिया कर्मियों का जिन्होंने इस बसूली के पीछे छुपे भ्र्ष्टाचार परक सिस्टम की पोल खोलते हुये काम किया।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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