
एटा जिला प्रशासन को हुई मोतियाबिंद की भयंकर बीमारी और दीपोत्सव, कवि सम्मलेनों में व्यस्त नगरपालिका एटा ने डेंगू की बीमारी को महामारी में बदलने में महती भूमिका निभायी।
वेशर्म नगर पालिका फॉगिंग में नहीं दीपोत्सव में व्यस्त है
मोतियाबिंद से ग्रसित प्रशासन डेंगू के खिलाफ जागरूकता फैलाने में नहीं कवि सम्मेलनों में व्यस्त है।
लेकिन हम इनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे
डायन मंहगाई और डेंगू के डंक से काली होती आपकी दीपावली पर हम देंगें आपके दरवाजे पर दस्तक
इस बार हमारी दीपावली बीतेगी आपकी दीपावली को बेहतर बनाने में।
डेंगू की महामारी में अब कमान हमें और आपको अपने हाथ में लेनी होगी यदि हम सब इस दीपावली पर एक दूसरे के सहयोग से किसी एक चेहरे पर भी मुस्कान
ला सके तो दीपावली पर हम सबके लिये ये सबसे बड़ा उपहार होगा।
इस बार दिवाली की रोशनी को अंधेरे में बदलने के लिये एक तरफ डायन महंगाई है, तो दूसरी तरफ डेंगू का डंक
मंहगाई हमारी आर्थिक कमर तोड़ रही है
डेंगू हमसे हमारे प्रियजन छीन रहा है
हमारे आपके सबके पड़ोस में चीख पुकार और दुखों का पहाड़ है, ऐसे में कैसी दिवाली कैसा उत्सव।
जनपद में डेंगू महामारी का रूप ले चुका ऐसे में जब प्रशासन को युद्धस्तर पर फॉगिंग और जागरूकता अभियान चलाना चाहिये तब प्रशासन चिर निंद्रा में लीन है।
एटा नगरपालिका फॉगिंग नहीं दीपोत्सव में व्यस्त है
लोगों के दुख में शरीक होने की जगह कवि सम्मेलन के माध्यम से लोगों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रही है।
अब ऐसे में दो ही रास्ते हैं या तो यूँ ही हम अपने प्रियजनों को खोते रहें या मोतियाबिंद की बीमारी से ग्रसित एटा जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधि और नगरपालिका का उपचार किया जाए।